बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में परीक्षा फॉर्म के वेरिफिकेशन के नाम पर हो रही खानापूर्ति की जांच होगी। विवि ने वेरिफिकेशन करने वाले शिक्षकों के नाम व भुगतान की जानकारी लेने की तैयारी शुरू कर दी है। स्नातक पार्ट वन सत्र 2019-22 की परीक्षा में एडमिट कार्ड को लेकर विवि प्रशासन की काफी फजीहत हुई है। तीन-तीन बार एडमिट कार्ड बदलने पड़े। इससे छात्रों को तो परेशानी हुई ही विवि परीक्षा विभाग की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में है।
तीसरी बार जारी एडमिट कार्ड में भी त्रुटि रह गई
तीसरी बार जारी एडमिट कार्ड में भी त्रुटि रह गई है। जब सारे प्रयास विफल हो गए तो परीक्षा विभाग ने गड़बड़ी रहने के बाद भी परीक्षा लेने का निर्देश दे दिया। इससे काफी संख्या में रिजल्ट पेंडिंग होने की आशंका है। परीक्षा विभाग के अनुसार, जब इन त्रुटियों के पीछे के कारणों की पड़ताल की गई तो पता चला कि कई छात्रों ने ऑनलाइन फॉर्म भरने के दौरान खुद ही रोल व रजिस्ट्रेशन नंबर, विषय सहित अन्य जानकारियां गलत भर दी।
कॉलेज को साइट पर अपने कॉलेज के छात्र के नाम दिखने लगते
पोर्टल पर फॉर्म भरने के बाद छात्र जब कॉलेज का नाम देता है तो संबंधित कॉलेज को साइट पर अपने कॉलेज के छात्र के नाम दिखने लगते हैं। इसे कॉलेज को वेरिफिकेशन कर ही विवि को भेजना है। वेरिफिकेशन के लिए मानदेय का भुगतान विवि करता है। परीक्षा विभाग अब इसी की जानकारी लेने में जुट गया है। इसे लेकर कॉलेज प्रशासन में खलबली मची है।
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