BRABU : बिहार यूनिवर्सिटी के पीजी लैबोरेट्री में 50 लाख के सामान देखरेख के अभाव में खराब हो गए हैं। लैबोरेट्री में टेक्निशियन के नहीं होने से लैब को चलाने वाला कोई नहीं है। विभागाध्यक्षों का कहना है कि कर्मियों के नहीं होने से सामान की देखरेख सही से नहीं हो पा रही है। यही कारण है कि प्रैक्टिकल के सभी सामान खराब हो गए हैं।
परीक्षा के वक्त किसी तरह से प्रैक्टिकल कराया जाता
उधर, यूनिवर्सिटी ने लैब चलाने के लिए चार वर्षों से कंटीजेंसी भी नहीं दी है। पैसे नहीं मिलने से केमिकल खत्म हो गये हैं जिससे प्रैक्टिकल नहीं हो रहे हैं। परीक्षा के वक्त किसी तरह से प्रैक्टिकल कराया जाता है। उसके बाद प्रैक्टिकल कराने में दिक्कत होती है। बिहार विवि के रजिस्ट्रार प्रो. राम कृष्ण ठाकुर ने बताया लैबोरेट्री के सामान खरीदने के लिए एस्टीमेट तैयार किया जा रहा है। जल्द ही लैब में सभी सामान आ जाएंगे। इसके लिए प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
फिजिक्स विभाग में खराब हो गयी कई मशीनें :
फिजिक्स विभाग में कई मशीनें खराब हो गई हैं। विभाग में एक कारखाना था जिसमें छात्रों को प्रैक्टिकल सीखने के लिए लेंथ मशीन, बिल्डिंग मशीन के अलावा कई दूसरी मशीनें थीं। विभाग के अध्यक्ष प्रो. ललन कुमार झा ने बताया कि कारखाना की खिड़कियां चोर उखाड़ कर ले गये और मशीनें बंद-बंद खराब हो गईं। इसके अलावा फिजिक्स विभाग में लेजर मशीन, कई बैट्रियां खराब हो गयी हैं।
प्रैक्टिकल लैब में टेक्निशियन नहीं होने से नहीं हुई देखरेख लेबोरेट्री में केमिकल खत्म, छात्र नहीं कर पा रहे प्रैक्टिकल
भूगोल व होमसाइंस में भी प्रैक्टिकल नहीं
साइंस लैब के अलावा होम साइंस और भूगोल में भी प्रैक्टिकल बंद हैं। होम साइंस में सामान एक कमरे में लंबे अरसे से बंद होने से वह खराब हो गए हैं। इसके अलावा भूगोल विभाग में पिछले 16 वर्षों से प्रैक्टिकल नहीं हुआ है। टेक्निशियन के रिटायर होने के बाद प्रैक्टिकल का कमरा बंद है। विभाग में 15 लाख के प्रैक्टिकल के सामान रखे-रखे खराब हो गये हैं।
जूलॉजी में बंद है हिस्टोकेमेस्ट्री का प्रैक्टिकल
जूलॉजी विभाग में हिस्टोकेमेस्ट्री का प्रैक्टिल बंद है। इसके लिए केमिकल नहीं है। इसके अलावा डिसेक्शन के लिए स्टेन नहीं है। विभाग के अध्यक्ष प्रो. शिवानंद सिंह ने बताया कि लैब चलाने के लिए कर्मचारी नहीं होने से प्रैक्टिकल कराने में दिक्कत हो रही है। कई केमिकल खराब हैं इसका उपयोग नहीं किया जा सकता है। छात्रों को भी इससे परेशानी हो रही है। केमिकल नहीं होने से कई पेपर में प्रैक्टिकल छात्र नहीं कर पाते हैं। जूलॉजी में प्रैक्टिकल बहुत महत्वपूण है। बॉटनी में भी केमिकल नहीं होने से प्रैक्टिकल नहीं हो पाते हैं।
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