नीतीश कुमार के खिलाफ सबूतों का पुलिंदा लेकर FIR कराने थाने पहुंच गये IAS ,थाने से लेकर सीएम हाउस तक हड़कंप

PATNA : पटना के एससी-एसटी थाने में हुए ड्रामे ने आज पटना पुलिस से लेकर सीएम आवास तक को सकते में ला दिया. आईएएस अधिकारी सुधीर कुमार 36 पन्ने का आवेदन औऱ उसके साथ सबूत का पुलिंदा लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार औऱ सूबे के दूसरे अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने थाने में पहुंच गये.

थानेदार ने आवेदन देखा तो उसके होश उड गये. सुधीर कुमार थाने में बैठे रहे औऱ थानेदार कागज लेकर गायब हो गये. कई घंटे के ड्रामे के बाद सुधीर कुमार को आवेदन की रिसीविंग देकर वापस भेज दिया गया. हम आपको बता दें कि ये वही सुधीर कुमार हैं जिन्हें कर्मचारी चयन घोटाले में आरोपी बनाकर जेल भेजा गया था, फिलहाल जमानत पर रिहा होकर राजस्व पर्षद के सदस्य हैं.

नीतीश पर केस करना चाहते हैं सुधीर कुमार
एससी-एसटी थाने से निकले सुधीर कुमार से मीडिया ने पूछा कि आखिरकार वे किस पर और क्यों एफआईआर करना चाहते हैं. सुधीर कुमार ने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया. मीडिया ने जब बहुत कुरेदा तो वे बोले कि जालसाजी का केस करना चाह रहे हैं. उनसे पूछा गया कि आखिरकार जालसाजी किसने की है. कई बार सवाल पूछने पर सुधीर कुमार ने कहा कि मामला मुख्यमंत्री के खिलाफ है.

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कौन हैं सुधीर कुमार

1988 बैच के आईएएस अधिकारी सुनील कुमार राज्य में गृह सचिव जैसे महत्वपूर्ण पद पर रह चुके हैं. बाद में वह BSSC के अध्यक्ष बनाए गए थे. पेपर लीक कांड में उनके ऊपर कार्रवाई की गई थी. लेकिन बाद में वह निलंबन मुक्त हो गए. फिलहाल वह राजस्व पर्षद के अपर सदस्य के तौर पर तैनात हैं. अगले साल 31 मार्च को वह रिटायर भी होने वाले हैं.

आईएएस अधिकारी सुधीर कुमार जब गर्दनीबाग स्थित एससी-एसटी थाना पहुंचे. तो उनकी कंप्लेंट दर्ज करने के लिए कोई अधिकारी मौजूद नहीं था. ऐसा लग रहा था जैसे उनकी शिकायत दर्ज करने से पुलिस अधिकारी कतरा रहे थे. संभव है कि सुधीर कुमार किसी बड़े अधिकारी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराना चाहते हो. इसलिए पुलिस के अधिकारी भी अपने बड़े अधिकारियों से इस मामले में जानकारी ले रहे हो. 

साढे चार साल पहले यानि 2017 में बिहार में कर्मचारी चयन आयोग घोटाला हुआ था. कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा होने से पहले प्रश्न पत्र लीक हो गया था. इस मामले की जांच हुई तो आय़ोग के तत्कालीन अध्यक्ष सुधीर कुमार दोषी पाये गये. आईएएस अधिकारी सुधीर कुमार को 24 फरवरी 2017 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. उसके बाद उन्हें सस्पेंड भी कर दिया गया था. साढ़े तीन साल तक जेल में रहने के बाद पिछले साल 7 अक्टूबर को वह जमानत पर रिहा होकर जेल से बाहर आए थे. जमानत मिलने के बाद सरकार ने उन्हें निलंबन मुक्त कर राजस्व पर्षद का सदस्य बनाया था.

सीनियर IAS सुधीर कुमार पहुंचे एससी-एसटी थाना, कम्प्लेन दर्ज कराने आये हैं BSSC के पूर्व अध्यक्ष

सीनियर आईएएस अधिकारी सुधीर कुमार उस वक्त सुर्खियों में आए थे. जब उनके BSSC अध्यक्ष रहते हुए 2014 में इंटर स्तरीय संयुक्त परीक्षा का पेपर लीक हुआ था. पेपर लीक मामले में 2017 में सुधीर कुमार को निलंबित करते हुए गिरफ्तार किया गया था.

बिहार कर्मचारी चयन आयोग (BSSC) के पूर्व चेयरमैन और घोटाले के आरोप में जेल जा चुके आईएएस अधिकारी सुधीर कुमार (IAS Sudhir Kumar) एक बार फिर सुर्खियों में हैं. वो आज शनिवार को पटना के एससी/एसटी थाने में हाई प्रोफाइल नेताओं और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए पहुंचे. थाने में उनकी एफआईआर तो दर्ज नहीं हुई मगर पुलिस ने उनके आवेदन को स्वीकार कर लिया है. इसके लिए उन्हें थाने में करीब चार घंटे इंतजार करना पड़ा.

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थाने से बाहर आए सुधीर कुमार ने मीडिया को बताया कि वो आज दोपहर 12 बजे से इंतजार कर रहे हैं मगर एफआईआर दर्ज नहीं की गई है. सिर्फ एक रसीद मिली है. उन्होंने कहा कि मामला धोखाधड़ी, फर्जी कागजात बनाने, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) और अन्यों के खिलाफ सबूतों से संबंधित है. उन्होंने कहा कि मैंने ऊतर तक के लोगों पर केस दर्ज करने का आवेदन दिया है. पूछने पर कि ऊपर तक के कौन…क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार? इसका जवाब उन्होंने हां में दिया.

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