Human Rights Commission: बिहार यूनिवर्सिटी को मानवाधिकार आयोग ने नोटिस किया है। यह नोटिस एसआरकेपी कॉलेज चकिया की एक छात्रा को समय पर मार्क्सशीट नहीं मिलने पर किया गया है। पीड़िता सत्र 2016-19 की छात्रा है। परीक्षा पास करने के दो वर्ष बाद भी जब विवि से उसे मार्क्सशीट नहीं मिली तो उसने मानवाधिकार आयोग में अपनी शिकायत दर्ज कराई। छात्रा की शिकायत के बाद मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लेते हुए बिहार विवि नोटिस किया है। इस मामले में बिहार यूनिवर्सिटी के विधि पदाधिकारी डॉ. मयंक कपिला ने बताया कि मानवाधिकार आयोग को नोटिस का जवाब दे दिया गया है।
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मुख्यमंत्री के पास से लगातार यूनिवर्सिटी से जवाब-तलब किया जा रहा
वहीं, पेंडिंग रिजल्ट और समय पर डिग्री और मार्क्सशीट नहीं देने पर मुख्यमंत्री जन शिकायत ने भी बिहार यूनिवर्सिटी प्रशासन से स्पष्टीकरण मांगा है। मामले में मुख्यमंत्री के पास से लगातार यूनिवर्सिटी से जवाब-तलब किया जा रहा है। नवम्बर महीने में पांच स्पष्टीकरण मुख्यमंत्री के पास से यूनिवर्सिटी से पूछा गया है। बिहार विवि के आरटीआइ अधिकारी मो. अहसन ने बताया कि जो भी पत्र मुख्यमंत्री के यहां से आता उसका जवाब भेज दिया जा रहा है।
रिजल्ट निकलने के बाद बड़ी संख्या में छात्रों का रिजल्ट पेंडिंग हो गया
बिहार यूनिवर्सिटी में में पेंडिंग सुधार के लिए छात्र लगातार चक्कर काट रहे हैं। सत्र 2016-19 का पार्ट थ्री का रिजल्ट 30 दिसम्बर 2019 को आया था। रिजल्ट निकलने के बाद बड़ी संख्या में छात्रों का रिजल्ट पेंडिंग हो गया था। इसके बाद कई दिनों तक छात्र बिहार यूनिवर्सिटी से लेकर अपने कॉलेजों का चक्कर काटते रहे। अब भी कई छात्रों का रिजल्ट नहीं सुधार हुआ है। सत्र 2016-19 के अलावा सत्र 2017-20 के भी कई छात्रों का रिजल्ट अब तक क्लीयर नहीं हुआ है।
रोजाना परीक्षा विभाग में पहुंच रहे हैं छात्र
पेंडिंग, मार्क्सशीट और डिग्री के लिए विवि के परीक्षा विभाग में रोज छात्र शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। छात्रों की शिकायत है कि मार्क्सशीट और डिग्री के लिए छह महीने पहले आवेदन किया, लेकिन अब तक यह हमें नहीं मिली है। यहां आने पर भी हमें केवल आश्वासन ही दिया जाता है।
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यूनिवर्सिटी नहीं सुन रहा तो छात्र पहुंच रहे सीएम के पास
Human Rights Commission: विश्वविद्यालय से जुड़े लोगों ने बताया कि यूनिवर्सिटी के अधिकारी छात्रों की बात नहीं सुनते हैं। ऐसे में मजबूरन छात्रों को मुख्यमंत्री और मानवाधिकार में जाना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री के पास छात्र लगातार जा रहे हैं और वहां से विवि को नोटिस भी पहुंच आ रहा है। सीनेट सदस्य केशरी नंदन शर्मा ने कहा कि बिहार विवि में शैक्षणिक अराजकता का माहौल है। छात्र यूनिवर्सिटी से लेकर कॉलेज तक का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उनकी कोई सुनने वाला नहीं है।
सम्बद्ध कॉलेजों पर भी आयोग ने लिया संज्ञान
छात्रों को मार्क्सशीट नहीं मिलने के साथ सम्बद्ध कॉलेजों को मानदेय व अनुदान को लेकर भी मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग का इस बारे में भी पत्र विवि प्रशासन को मिल चुका है। इस वर्ष अब तक मानवाधिकार आयोग से आठ नोटिस बिहार विवि को दिया गया है।
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