बीआरए बिहार विश्वविद्यालय की ओर से दो जगह सेवा देने वाले अतिथि शिक्षकों की सेवा विस्तारित नहीं की जाएगी। अभी पिछले सत्र में 11 महीने के लिए नियुक्त अतिथि शिक्षकों का नवीकरण चल रहा है।
इसमें पिछले सत्र में नियुक्त अतिथि शिक्षकों को शपथ पत्र देने को कहा गया
कि वे पूर्व से किसी भी सरकारी या गैरसरकारी संस्थान में कार्यरत नहीं हैं। साथ ही वे दो जगह से वेतन या मानदेय नहीं ले रहे हैं। यह जानकारी शपथ पत्र पर भरकर नोटरी से सत्यापित करवाकर देना है। सीसीडीसी डा.अमिता शर्मा ने कहा कि दो जगह नौकरी करने वाले अतिथि शिक्षकों की सेवा समाप्त की जाएगी। साथ ही उनसे राशि भी वसूली जाएगी।
इसको लेकर कमेटी का गठन कर दिया गया है। कमेटी की ओर से इसकी जांच की जा रही है। बताया जा रहा है कि पिछले सत्र में नियुक्त 439 में से दर्जनभर से अधिक अतिथि शिक्षकों ने नए सत्र के लिए शपथ पत्र नहीं दिया है। आशंका व्यक्त की जा रही है कि ये दूसरे जगह भी सेवा देने के साथ ही वहां से भी वेतन ले रहे हैं।
इस अवधि में 25 हजार रुपये प्रतिमाह
विवि की ओर से बताया गया कि अधिकतर विषयों में शिक्षकों के चयन के लिए कमेटी गठित कर दी गई है। पिछले सत्र में 11 महीने के लिए अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी। इस अवधि में 25 हजार रुपये प्रतिमाह दिया गया था। जबकि, नए सत्र में अतिथि शिक्षकों को प्रतिमाह 50 हजार रुपये देने की स्वीकृति मिली है।
बता दें कि zeebihar ने छह जून के अंक में विवि के कई कालेजों में नियुक्त अतिथि शिक्षकों के दो जगह से वेतन और मानदेय लेने के मामले को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसके बाद कुलपति ने कहा था कि नए सत्र में नियुक्ति से पूर्व इसपर विचार किया जाएगा। अब विवि की ओर से इसपर सख्ती बरती गई है।
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