छात्र नेताओं के साथ दुर्व्यवहार पर सीनेटर और जनप्रतिनिधियों ने रोष जताया है। भाजपा जिलाध्यक्ष रंजन कुमार ने छात्रों के मुद्दों को लेकर शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं पर हमले की घटना को घोर निंदनीय बताया है।
कुलपति को छात्रों से वार्ता करनी चाहिए थी ना कि गुंडों को संरक्षण देकर आवाज दबानी चाहिए थी। यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है।
एमएलसी प्रो.संजय कुमार सिंह ने कहा कि सीनेट की बैठक छात्र, शिक्षक और कर्मचारी सभी के हित के लिए होता है। इसमें सभी मुद्दे रखे जाते हैं। लेकिन छात्र संगठन की ओर से विरोध पर उनके साथ हाथापाई की घटना निंदनीय है। (छात्र नेताओं संग दुर्व्यवहार)
यह विवि की ध्वस्त कार्यव्यवस्था और कार्यशैली को उजागर करता है। आंदोलन कर रहे छात्र संगठन के
सदस्यों के साथ वार्ता करनी चाहिए थी। लेकिन उनके साथ दुर्व्यवहार दुखद व विश्वविद्यालय की छवि को
खराब करने वाली घटना है।
सीनेटर डॉ.रमेश ने कहा कि गुप्ता शांतिपूर्ण विरोध जता रहे छात्रों के साथ असामाजिक तत्वों की ओर से
की गई हाथापाई की घटना बेहर दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है। वहीं इसमें विवि की ओर से संवादहीनता का
भी मामला आता है। कहा कि अधिकारियों को भी छात्रों के मुद्दों को लेकर उनसे पहले ही वार्ता कर संतुष्ट
करना चाहिए था। (छात्र नेताओं संग दुर्व्यवहार)
सीनेट की बैठक में हंगामा होने पर सीनेटरों ने भी विवि की विधि व्यवस्था पर सवाल उठाया है।
सीनेटर डॉ.मनोज कुमार ने कहा कि सीनेट विवि की सबसे बड़ी इकाई है। इसकी बैठक में इस प्रकार विधि
व्यवस्था बिगड़ना बेहद निंदनीय है। क्या कि विवि प्रशासन भी इसके लिए जिम्मेवार है। सीनेट की बैठक के
केंद्र में छात्र ही होते हैं। तमाम योजनाएं छात्रों के लिए ही तैयार की जाती हैं। click here