इंटर परीक्षा पिछले साल 361 कदाचार के आरोप में निष्कासित हुए थे, इस साल 672 हुए निष्कासित
इंटर की वार्षिक परीक्षा शनिवार को समाप्त हो गई। बर्ष 2020 से इस साल करीब दो गुने परीक्षार्थियों को निष्कासित किया गया है जबकि पिछले साल से पांच गुना ज्यादा फर्जी
परीक्षार्थी पकड़े गए हैं। पिछले साल राज्यभर से कुल 361 परीक्षार्थियों को कदाचार के आरोप मैं निष्कासित किया गया था। वहीं दूसरे के बदले परीक्षा देते हुए 15 फर्जी परीक्षार्थियों को पकड़ा गया था।
इस साल एक फरवरी से चल रही परीक्षा में राज्यभर से 672 परीक्षार्थी निष्कासित किए गए जबकि 75 फर्जी परीक्षार्थियों को पकड़ा गया।
सबसे अधिक 33 फर्जी परीक्षार्थी भागलपुर में पकड़े गए, जबकि सबसे अधिक 107 परीक्षार्थियों की जमुई में निष्कासित किया गया। परीक्षा के लिए राज्यभर में 1473 केंद्र बनाए गए।
बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने कहा कि कोरोना से उत्पन्न परिस्थितियों के बीच सरकार द्वारा जारी
दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए लगभग 13.50 लाख विद्यार्थियों की परीक्षा का आयोजन करना एक
चुनौती थी, जिसे सफलतापूर्वक पूरा किया गया।
पिछले साल 12 लाख 5 हजार परीक्षार्थी थे। उन्होंने कहा कि परीक्षा पूरी कड़ाई से ऐतिहासिक रूप से
संपन्न हुई। click here
आखिरी दिन भाषा विषयों की परीक्षा
शनिवार को आखिार दिन विज्ञान, वाणिज्य और कला संकाय के परीक्षार्थियों के लिए अतिरिक्त विषय
समूह के अंतर्गत विभिन्न भाषा विषयों की परीक्षा हुई, जिसमें उर्दू में 2,049, मैथिली में 5.118, संस्कृत में
2.366, प्राकृत में 181, मोगली में 36, भोजपुरी में 551, अरबी में 35, पसियन में 146, पाली में 268
और बांग्ला में 12 परीक्षार्थी शामिल हुए। इंटर परीक्षा में राज्यभर से कुल 13,50.233 छात्र-छात्राओं ने
फॉर्म भरा, जिसमें 7,03,693 छात्र और 6,45,540 छात्राएं शामिल हैं। click here
पटना जिले में कुल 64 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे, कुल 80,882 विद्यार्थी थे, जिसमें 39,093 छात्राएं और
41,789 छात्र थे। परीक्षा के लिए वाट्सएप ग्रुप और कंट्रोल रूम स्थापित किया गया था।