ऑल बिहार ट्रेंड लाइब्रेरियन एसोसिएशन की ओर से सूबे के विश्वविद्यालय व कॉलेजों में लाइब्रेरी की स्थिति पर नाराजगी जताई गयी है। कहा कि लाइब्रेरी में librarian vacancy न पर्याप्त किताबें हैं और न ही पत्र-पत्रिका। एसोसिएशन के आलम ने कहा कि लाइब्रेरी की कमी के कारण छात्रों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
कहा कि पीजी के 22 विभाग चल हैं, लेकिन वर्षों से सहायक लाइब्रेरियन के पद खाली हैं। इससे शोधार्थी में भी काफी रोष है। लाइब्रेरी में किताबों रख-रखाव भी ठीक नहीं है। वहीं कॉलेजों में भी लाइब्रेरी की हालत अच्छी नहीं है। विवि के 42 अंगीभूत कॉलेज हैं। ज्यादातर में सहायक लाइब्रेरियन के पद खाली हैं।
इनके बिना लाइब्रेरी में किताबें मिलना मुश्किल है। लाइब्रेरी समय पर खुल भी नहीं पाता। ऐसे में इन पदों पर जल्द बहाली होनी चाहिए। कहा कि कुलपति, प्रतिकुलपति व कुलसचिव से संघ का प्रतिनिधिमंडल मिलकर समस्या से अवगत कराया, लेकिन कार्रवाई नहीं हो सकी।
सचिव ने कहा कि नैक में लैब और लाइब्रेरी librarian vacancy का बेहतर ग्रेडिंग में महत्वपूर्ण भूमिका होता है।
बिहार प्रारंभिक शिक्षक नियोजन 2019 को लेकर अभ्यर्थियों ने इस आंदोलन की शुरुआत की है। अभ्यर्थियों ने कहा कि सूबे में 94000 प्राथमिक शिक्षक नियोजन को लेकर 24 मई को इस ट्विटर अभियान की शुरुआत की जा रही है। दो साल से लंबित 94000 शिक्षकों की बहाली को लेकर अभ्यर्थियों का आक्रोश फूट पड़ा है।
इसको लेकर सोशल मीडिया पर यह आंदोलन चलाया जाएगा। शिक्षक बहाली मोर्चा के अध्यक्ष पंकज कुमार ने कहा कि बिहार नीड्स टीचर अभियान इसे नाम दिया गया है। शिक्षा मंत्री विधानसभा सत्र के दौरान बोले थे कि हम आप लोगों से ज्यादा चिंतित हैं। librarian vacancy
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