तीन हजार रुपये देकर सीट बुक कराने के बाद भी छात्रों ने बीएड कॉलेजों में दाखिला नहीं लिया। पूरे बिहार के बीएड कालेजों में सीट बुक कराने के बाद 47.79 फीसदी छात्र दाखिला लेने नहीं पहुंचे। बीएड कालेजों के संचालकों का कहना है कि कई छात्रों को मनपसंद कॉलेज नहीं मिला था। इस कारण वे दाखिला लेने नहीं आए। हालांकि, मिथिला विवि का कहना है कि छात्रों ने खुद से ही कॉलेजों का विकल्प दिया था।
सीट खाली रहने पर ही उन्हें दाखिला मिलेगा
बीएड एडमिशन से पहले छात्रों को दाखिले के लिए पांच कालेज चुनने थे। इन्हीं, कॉलेजों में उन्हें सीट अलॉट किया गया था। बीएड के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. अशोक मेहता ने बताया कि पहली मेधा सूीच में जिन छात्रों ने कॉलेज आवंटित होने के बाद भी दाखिला नहीं लिया उन्हें दूसरी मेधा सूची में दिक्कत हो सकती है। सीट खाली रहने पर ही उन्हें दाखिला मिलेगा।
दूसरी मेधा सूची के आधार पर नामांकन लेना चाहते हैं तो उन्हें फिर से तीन हजार रुपये देने होंगे
नोडल अधिकारी ने बताया कि जिन छात्रों ने पहली बार में कॉलेज में जाकर दाखिला नहीं लिया, वह अगर दूसरी मेधा सूची के आधार पर नामांकन लेना चाहते हैं तो उन्हें फिर से तीन हजार रुपये देने होंगे। छात्र अगर चाहेंगे कि पहली बार जो पैसे जमा किए उससे ही दूसरी सूची में नाम आने पर दाखिला हो जाए तो यह संभव नहीं है। यह फीस लौटाई नहीं जाएगी।
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