बीआरए बिहार विश्वविद्यालय बिना प्रायोगिक परीक्षा के स्नातक के डेढ़ लाख छात्रों का रिजल्ट जारी कर सकता है। कोरोना की दूसरी लहर के कारण लगातार दूसरे साल समय से परीक्षा नहीं हो सकी। अब विवि इन बिन्दुओं पर विचार कर रहा है ।
स्नातक की थ्योरी परीक्षा लेकर प्रायोगिक के अंक कॉलेजों से मंगाए जाएंगे। इसके बाद रिजल्ट जारी होगा। दरअसल, विवि को इस साल स्नातक की पांच परीक्षाएं लेनी है।
इन पांच परीक्षाओं में ही विवि को चार महीने का वक्त लग जाएगा। इसमें पिछले साल के एक पार्ट-वन की परीक्षा, इस साल के तीनों पार्ट और एक कंपार्टमेंटल की परीक्षा होनी है। इसके अलावा कॉपियों की जांच में अलग समय लगेगा। स्नातक के किसी भी एक पार्ट की परीक्षा होती है तो .इसके खत्म होने के बाद ही दूसरे पार्टी की परीक्षा शुरू हो पाती है।
इस दौरान तमाम कॉलेजों में दो पालियों में परीक्षा ली जाती है। एक परीक्षा कम से कम 20 से 22 दिनों तक चलती है। विवि की ओर से यह बात कही जा रही है। कि थ्योरी परीक्षा के बाद विवि स्तर पर प्रायोगिक परीक्षा ली गई तो बहुत लंबा समय लग जाएगा। इसके कारण शैक्षणिक सत्र और भी पीछे खिसक जाएगा।
बता दें कि कंपार्टमेंटल परीक्षा को छोड़ चार परीक्षाओं में सवा तीन लाख से अधिक छात्र हैं। इसमें 40 फीसदी प्रायोगिक विषय वाले छात्र होते हैं । इनकी संख्या करीब डेढ़ लाख होगी । परीक्षा नियंत्रक डॉ. मनोज कुमार ने कहा विवि खुलने के बाद इसपर समीक्षा की जाएगी। इसके बाद इन बिन्दुओं पर फैसला आएगा। बता दें कि पिछले साल कोरोना संक्रमण के कारण परीक्षा काफी देर से हो सकी थी।
विवि स्तर पर होने वाली प्रायोगिक परीक्षाओं के आयोजन से देरी होती। इसके कारण स्नातक पार्ट-टू की प्रायोगिक परीक्षा विवि स्तर पर नहीं ली गई। कॉलेजों को आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अंक भेजने को कहा गया था। विवि अधिकारियों का कहना है कि जून से पहले स्नातक की परीक्षा शुरू नहीं हो सकेगी। उधर, छात्रों को भी अपने रिजल्ट को लेकर इंतजार है, तो कुछ छात्र स्नातक पार्ट वन की परीक्षा को लेकर उत्सुक है।
स्नातक की सभी परीक्षा में देरी को लेकर तैयार की गई योजना , कंपार्टमेंटल सहित स्नातक की होनी है पांच परीक्षाएं
40 फीसदी छात्र हैं स्नातक
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