BRABU UG Admission 2022 : बिहार यूनिवर्सिटी में इस वर्ष स्नातक नामांकन में पूरी सख्ती बरती जाएगी। अगर किसी छात्र ने गलत दस्तावेज दिया तो उनका नाम काली सूची (ब्लैक लिस्टेड) में डाल दिया जाएगा। दाखिले के समय सभी दस्तावेजों की ऑनलाइन स्क्रीनिंग होगी।
स्क्रीनिंग में देखा जाएगा कि जो मार्क्सशीट छात्र ने प्रस्तुत किया है वह संबंधित बोर्ड की साइट पर है या नहीं। गलत मार्क्सशीट पर नामांकन को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है।
यूनिवर्सिटी के यूएमआईएस कोऑर्डिनेटर प्रो. टीके डे बताया
बिहार यूनिवर्सिटी के यूएमआईएस कोऑर्डिनेटर प्रो. टीके डे बताया कि यूनिवर्सिटी प्रशासन मेधा सूची जारी कर उसे कॉलेजों में भेज देगी। नामांकन करना प्राचार्य की जिम्मेदारी है। गलत अंक पत्र पाए जाने पर प्राचार्य छात्र को ब्लैक लिस्टेड कर देंगे। प्राचार्य को मेधा सूची में आए छात्रों के नाम और अंक भेजे जाएंगे। इसी अंक से प्राचार्यों को छात्रों के दस्तावेज को सत्यापित करना है।
पिछली बार से सबक ले रही यूनिवर्सिटी :
बिहार यूनिवर्सिटी पिछले वर्ष हुई गलती से सबक ले रही है। पिछली बार कई छात्रों का ऑनर्स में दाखिला 45 प्रतिशत से कम पर हो गया था। यह खुलासा तब हुआ जब पार्ट वन का परीक्षा फॉर्म भरा जाने लगा।
इसके बाद छात्रों का विषय बदला गया। जिस विषय में उन्हें 45 प्रतिशत अंक थे उस विषय में उनका दाखिला हुआ। यानी छात्र का दाखिला हुआ था इतिहास में और उसने परीक्षा दी हिन्दी विषय से। इस बार किसी छात्र का कम अंक पर दाखिला न हो इसलिए विवि दाखिले में सख्ती बरत रही है।
पोर्टल पर छात्रों के नंबरों की जांच शुरू :
छात्रों ने आवेदन के समय जो नंबर भरे थे उसकी जांच बिहार यूनिवर्सिटी के UMIS ने शुरू कर दी है। विवि से जुड़े लोगों ने बताया कि कई छात्रों ने पूर्णांक से अधिक नंबर प्राप्तांक में भर दिए हैं। यानी अगर किसी विषय की परीक्षा 75 नंबर की हुई है तो छात्र ने उसमें 85 अंक भर दिया है। किसी छात्र ने तो 100 नंबर तक भर दिया है। स्नातक में एक लाख 38 हजार छात्रों ने आवेदन किया है।
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