BRABU UG Admission 2022 : बिहार यूनिवर्सिटी में सत्र 2022-2025 स्नातक पार्ट-1 में दाखिले के लिए एक लाख 38 हजार छात्रों ने आवेदन किया है। गुरुवार को आवेदन करने का अंतिम दिन था। सबसे ज्यादा आवेदन इतिहास विभाग में आए हैं। इतिहास से ऑनर्स करने के लिए 44 हजार 746 छात्रों ने आवेदन किया है।
यूनिवर्सिटी के डीएसडब्ल्यू प्रो. अभय कुमार सिंह ने बताया
सबसे कम आवेदन एलएसडब्ल्यू, मैथिली, परिसयन, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन और भोजपुरी के लिए आए हैं। पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन के लिए सिर्फ एक आवेदन आया है। बिहार यूनिवर्सिटी के डीएसडब्ल्यू प्रो. अभय कुमार सिंह ने बताया कि पांच जुलाई को पहली मेधा सूची निकलने की उम्मीद है।
पिछली बार बिहार यूनिवर्सिटी में एक लाख 13 हजार छात्रों का दाखिला हुआ
दाखिले के लिए एडमिशन कमेटी की बैठक होगी, जिसमें सीटों की संख्या तय की जाएगी। पिछली बार बिहार यूनिवर्सिटी में एक लाख 56 हजार सीटें थी जिसमें एक लाख 13 हजार छात्रों का दाखिला हुआ था। इस बार कई नए कॉलेजों को भी संबद्धता मिली है। इसलिए सीटों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है।
विज्ञान संकाय में जूलॉजी में अधिक आवेदन :
विज्ञान संकाय में जूलॉजी विषय में अधिक आवेदन आए हैं। इस विषय में 7299 छात्रों ने आवेदन किया है। इसके अलावा रसायन में 1132, भौतिकी में 3115, गणित में 2452 और बॉटनी में 1162 आवेदन आए हैं। कॉमर्स में भी अकाउंट ऑनर्स में 5113 आवेदन आए हैं। कॉमर्स जनरल में 113 छात्रों ने आवेदन किया है।
संबद्ध कॉलेजों में सीटों की संख्या बढ़ी :
संबद्ध कॉलेजों को इस बार अधिक सीटें मिली हैं। पिछली बार जहां संबद्ध कॉलेजों को आर्ट्स विषय में 64 सीटें मिलती थीं, वहीं इस बार सरकार से उन्हें 196 सीटें मिली हैं। साइंस विषय में 32 की जगह 96 सीटों संबद्ध कॉलेजों को मिली हैं।
एडमिशन कमेटी की फाइल कुलपति के पास भेज दी गई
संबद्ध कॉलेजों में सीटें ज्यादा होने से बिहार विवि में दो लाख तक सीटें जाने की उम्मीद है। यूनिवर्सिटी से जुड़े लोगों ने बताया कि एडमिशन कमेटी की फाइल कुलपति के पास भेज दी गई है। डीएसडब्ल्यू ने बताया कि अभी मेधा सूची तैयार की जा रही है। सीबीएसई का रिजल्ट आने के बाद इन छात्रों के आवेदन के लिए फिर से पोर्टल खोला जाएगा। मेधा सूची निकलने के बाद छात्रों को दाखिले के लिए एक हफ्ते का समय दिया जाएगा।
अब प्राचार्य रद्द कर सकेंगे छात्रों का नामांकन :
बिहार यूनिवर्सिटी में अब प्राचार्य और विभागाध्यक्ष भी छात्रों के नामांकन को रद्द कर सकेंगे। बिहार विवि ने गुरुवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी। इसमें कहा गया है कि स्नातक और पीजी में दाखिले के समय प्राचार्य और विभागाध्यक्ष ही छात्रों के दस्तावेजों का सत्यापन करेंगे और गड़बड़ी मिलने पर उसे रद्द कर देंगे।
इसके अलावा सभी कॉलेज और विभागाध्यक्ष छात्रों नामांकन के समय माइग्रेशन और दूसरे दस्तावेज अपने पास ही जमा रखेंगे, सिर्फ छात्रों का ब्योरा विवि भेज देंगे। विवि को जब जरूरत होगी तब वह छात्रों के माइग्रेशन मांग लेगा।
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