स्नातक पार्ट वन परीक्षा 2020 में रविवार को कई केंद्रों पर बगैर रोल नंबर का एडमिट कार्ड लेकर परीक्षार्थी पहुंच गये, जिससे देर तक असमंजस की स्थिति बनी रही. केंद्राधीक्षकों ने पहले फर्जी एडमिट कार्ड बताकर उन्हें परीक्षा में शामिल करने से इंकार कर दिया. परीक्षार्थियों के दबाव पर विश्वविद्यालय को अवगत कराया. परीक्षा नियंत्रक की ओर से अनुमति मिलने के बाद उन्हें परीक्षा में शामिल किया गया. वहीं कुछ परीक्षार्थी परीक्षा से वंचित रह गये.
स्नातक पार्ट वन (सत्र 2019-22) की परीक्षा चल रही है
स्नातक पार्ट वन (सत्र 2019-22) की परीक्षा चल रही है. रविवार को तीन शिफ्ट में छह विषयों की परीक्षा हुई. पहले शिफ्ट में हिस्ट्री, दूसरे शिफ्ट में कॉमर्स, उर्दू व फिलॉसफी और तीसरे शिफ्ट में हिंदी व जूलॉजी के सेकेंड पेपर की परीक्षा ली गयी. इन विषयों के फर्स्ट पेपर की परीक्षा एक अक्टूबर को होनी थी, जिसे स्थगित कर दिया गया है. ऐसे में परीक्षार्थी पहले दिन परीक्षा देने पहुंचे थे.
जब बगैर रोल नंबर का एडमिट कार्ड लेकर परीक्षार्थी पहुंचे, तो गेट से ही उन्हें वापस किया जाने लगा. एमपीएस साइंस कॉलेज, एलएस कॉलेज, आरडीएस कॉलेज सहित अन्य केंद्रों पर ऐसे कई मामले आये बाद में विश्वविद्यालय से अनुमति लेकर उन्हें परीक्षा में शामिल किया गया.
बोले परीक्षा नियंत्रक कॉलेज की लापरवाही
परीक्षा नियंत्रक डॉ संजय कुमार ने कहा कि कॉलेजों की लापरवाही के कारण इस तरह की समस्या उत्पन्न हुई. जो छात्र प्रमोटेड थे या पहले परीक्षा दे चुके थे, उन्हें नया रोल नंबर जारी नहीं किया गया है. पहले से उनका रजिस्ट्रेशन भी था. सभी कॉलेजों के प्राचार्यों को कहा गया था कि पुराने छात्र-छात्राओं को पुराना रोल नंबर दर्ज कर एडमिट कार्ड दिया जाये. लेकिन, कॉलेजों से लापरवाही बरती गयी. सीधे एडमिट कार्ड डाउनलोड कर परीक्षार्थी को दे दिया गया. बताया कि जिन कॉलेजों से इस तरह की सूचना मिली, उन्हें पुराना रोल नंबर दर्ज कर परीक्षा में शामिल कराने का निर्देश दिया गया.
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