बीआरए बिहार यूनिवर्सिटी मे दो साल बाद भी पहले सेमेस्टर में पीजी छात्र यहाँ जाने राजभवन ने क्या कहा

सत्र समाप्त, लेकिन परीक्षा एक भी नहीं हुई। यह हाल बीआरए बिहार विवि के पीजी छात्रों का हैं, जिनका नियमतः सन खत्म है लेकिन दो साल बाद भी ये छात्र फस्ट सेमेस्टर में ही हैं। बिहार विवि में दो साल की बजाए चार साल में भी डिग्री नहीं मिलती है।

सत्र लेट

● विवि में पीजी के दो सत्र के 10 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं डिग्री के इंतजार में

● दो की बजाए चार साल में भी नहीं मिलती बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में डिग्री

विवि में पीजी के दो सत्र के 10 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं डिग्री के इंतजार में है। हाल यह कि इसमें एक सत्र में अब तक एक भी परीक्षा नहीं हुई है. वहीं दूसरे सत्र में भी रिजल्ट के साथ चौधे सेमेस्टर के परीक्षा के इंतजार में छात्र-छात्राएं हैं। छात्र-छात्राओं का आक्रोश कि सभी विवि में पीजी की पढ़ाई दो वर्ष में समाप्त होकर डिग्री भी छात्रों को मिल जाती है, लेकिन बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर बिहार विवि में पीजी सत्र समाप्त होने के बाद भी एक भी सेमेस्टर की परीक्षा न होना छात्रों के बीच चिंता का विषय है।

मामला सत्र 19-21 के छात्रों का है। नियमतः पीजी सत्र 2019-2021 समाप्त हो गया है, लेकिन परीक्षा एक भी नहीं हुई है। विवि की लापरवाही और कोरोना के प्रकोप से दो साल में समाप्त होने वाली पीजी की डिग्री चार साल में भी मिलना मुश्किल हो जाएगा।

बार-बार रिमाइंडर के बाद भी नहीं सुधरा विवि का सत्र : पीजी के छात्र राकेश कुमार, अमाया कुमारी, निर्मला, अमन आदि ने कहा कि राजभवन की सत्र नियमित करने तरफ से भी बार-बार को लेकर विवि को रिमाइंडर भेजा जाता है, लेकिन विवि का ध्यान सत्र नियमित को लेकर हमेशा छात्रों के प्रति उदासीन रहता है। अभी विवि में 2018-2020 और 19-21 दो सत्र चल रहे हैं जबकि 2022 में नामांकन के लिए आवेदन का पोर्टल बंद हो चुका है। इस तरह 2019-2021 और 20-22 सत्र के विद्यार्थी एक साथ आ जाएंगे।

नियमतः 20-22 सत्र का भी दो सेमेस्टर समाप्त हो जाना चाहिए था, लेकिन उनका अभी नामांकन भी नहीं हो पाया है। छात्र लोजपा के अध्यक्ष गोल्डेन सिंह ने बताया कि सत्र नियमित करने के लिए विवि प्रशासन को ध्यान देना चाहिए।

Telegram Group – Click here

Facebook Group – Click here

Bihar News – Click here