PATNA : कोरोना काल में आयी नई आफत ब्लैक फंगस को आखिरकार बिहार में भी महामारी घोषित कर दिया गया है. ब्लैक फंगस को महामारी घोषित किये जाने के बाद अब इसका इलाज भी पेंडेमिक की तहत किया जाएगा. सरकारी हॉस्पिटल को भारत सरकार के गाइडलाइन के अनुसार इस बीमारी का इलाज करने का आदेश दिया गया है.
संक्रमण की बीमारी ब्लैक फंगस को राज्य सरकार ने महामारी बीमारी घोषित कर दिया है. स्वास्थ्य विभाग के महत्वपूर्ण बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया है. महामारी घोषित हो जाने के बाद सभी सरकारी हॉस्पिटल को भारत सरकार के गाइडलाइन के अनुसार ब्लैक फंगस का इलाज करने का निर्देश दिया गया है. आपको बता दें कि राज्य में ब्लैक फंगस के मामलों में तेजी के साथ इजाफा हो रहा है. राज्य में ब्लैक फंगस के 39 नए मामले सामने आए हैं. स्वास्थ्य विभाग की ओर से शनिवार को बिहार में ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर दिया गया है.
प्रदेश में पिछले कुछ घंटे के अंदर ब्लैक फंगस के नए केस सामने आने के बाद राज्य सरकार की चिंता बढ़ गई है. ब्लैक फंगस के 39 नए केस शुक्रवार को सामने आए थे. इनमें से 8 मरीजों को भर्ती कराना पड़ा है. 39 मामलों में से 32 पटना के तीन अस्पतालों में और 7 मामले छपरा शहर के एक निजी अस्पताल में पहुंचे हैं। राज्य में अब तक ब्लैक फंगस के लक्षण वाले 174 मरीजों की पहचान की जा चुकी है. शुक्रवार को पटना एम्स में कुल 30 मरीज ऐसे पहुंचे जिनमें ब्लैक फंगस के लक्षण थे. इनमें से 7 को पटना एम्स में भर्ती कर लिया गया जबकि बाकी को दवा देकर वापस भेज दिया गया.
आईजीआईएमएस में भी एक मरीज शुक्रवार को एडमिट किया गया था जबकि बाकी मरीजों को दवा देकर घर भेज दिया गया है. पटना के पारस हॉस्पिटल में एक मरीज लक्ष्मण के साथ पहुंचा था जिसे दवा देकर घर वापस भेज दिया गया है. पटना के आईजीआईएमएस को ब्लैक फंगस के इलाज के लिए सरकार ने अलर्ट मोड में रखा हुआ है.
पटना एम्स में ब्लैक फंगस के भर्ती मरीजों की संख्या बढ़कर 42 हो गई है हालांकि अच्छी खबर यह है कि 3 मरीज स्वस्थ होकर अपने घर वापस लौट चुके हैं. पटना के आईजीआईएमएस में कुल 39 मरीजों का इलाज हुआ है, जिनमें 12 डिस्चार्ज होकर घर वापस लौट चुके हैं. सबसे ज्यादा केस पटना के अलावे छपरा शहर में सामने आए हैं. केंद्र सरकार ने ब्लैक फंगस को पहले ही महामारी घोषित कर रखा है.
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