परीक्षा नियंत्रक ने कहा प्राचार्यों के सहयोग नहीं, करने के कारण निर्णय नहीं हो पाते हैं प्रभावी पेंडिंग समस्या
बीआरएबीयू में छात्र-छात्राओं की समस्याओं के निपटारे के लिए काउंटर पर आवेदन की प्रक्रिया शुरू हुई लेकिन यह प्रभावी नहीं हो सकी। पहले भी विवि ने पेंडिंग समस्याओं के लिए कॉलेज के माध्यम से आवेदन मंगवाए, लेकिन उसे कॉलेज में नहीं भेजा जा सका। डिग्री को भी कॉलेज में ही भेजने की वात कही गई थी। मामले को लेकर परीक्षा नियंत्रक डॉ मनोज कुमार ने कहा, कॉलेजों के प्राचार्यों की ओर से सहयोग नहीं कर रहे है वे विवि की ओर से जारी आदेश को नहीं मानते हैं। इस कारण वे सीधे आवेदन
विवि पहुंचा देते हैं। इससे ज्यादा भीड़ बढ़ती है। अब रिजल्ट जारी होने के 6 महीने बाद पेंडिंग की समस्या का निराकरण नहीं होगा। 15 दिनों तक फ्री और दो महीने विलंब शुल्क लेकर पेंडिंग को दूर करने के लिए आवेदन लिए जाएंगे। उन्होंने कहा, वर्ष 2018 2019 के छात्रों के लिए राजभवन की ओर से कन्वोकेशन डेट आने के बाद साथ डिग्री मिलेगी।
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एआईडीएसओ ने वीसी को सौंपा ज्ञापन, कहा- स्पेशल सेल बनाकर तय सीमा में हो निपटारा पेंडिंग समस्या
मुजफ्फरपुर बीआरएबीयू में प्रोविजनल लेने पहुंचे छात्र की पिटाई के मामले में अब छात्र संगठनों ने मोर्चा खोल दिया है। एआईडीएसओ के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को कुलपति से मिलकर 5 सूत्री मांगों का स्मार पत्र सौंपा।
एआईडीएसओ के बिहार राज्य सचिव विजय कुमार ने कहा, विवि में अराजकता के कारण छात्रों का
भविष्य अंधकार में है प्रमाण पत्र निर्गत करने की सही व्यवस्था नहीं है। स्नातक, स्नातकोत्तर, पीएचडी,
बीएड के मूल प्रमाण पत्र के आवेदन करने वाले छात्रों को महीनों चक्कर लगाने के बाद भी प्रमाण पत्र नहीं
मिलते हैं।
अन्य प्रमाण पत्रों के मामले में भी यही स्थिति है। कुछ ऐसे भी मामले हैं, जिनमें छात्रों को 7 साल बाद भी
दर्जनों बार परीक्षा नियंत्रक को रिमाइंडर देने के बाद प्रमाण-पत्र नहीं मिला है। जिलाध्यक्ष शिव कुमार ने
कहा, स्पेशल टीम बनाकर निष्पादित किया जाए। click here
छात्रों से मारपीट ए वसूली की शिकायत के मामले में दोषियों पर कार्रवाई नहीं हो। प्रतिनिधिमंडल में राज्य
सचिव विजय कुमार, जिलाध्यक्ष शिव कुमार, सहसचिव रानी, गुलशन प्रवीण, रजत कुमार, संतोष कुमार
आदि थे।