बिहार विश्वविद्यालय के रेकॉर्ड में सात छात्राओं को ट्रांसजेंडर बना दिया गया है. इसका खुलासा विवि के यूएमआईएस पोर्टल की जांच में हुआ है. इन सात छात्राओं ने इस बार स्नातक पार्ट वन में दाखिला लिया है. बिहार विवि की दलील है कि फॉर्म भरने के दौरान इन छात्राओं ने गलती की, जिस वजह से जेंडर के कॉलम में फीमेल की जगह ‘अन्य’ दर्ज हो गया है. इसे ठीक कर दिया जायेगा. दिलचस्प बात है कि स्नातक में नामांकन की अवधि पूरी होने के बाद रौल नंबर भी बंट गये हैं.
वार जिलों के कॉलेजों में हुआ है दाखिला इन सात छात्राओं का दाखिला मुजफ्फरपुर, बगहा, सीतामढ़ी और मोतिहारी जिलों के कॉलेजों में हुआ है. Click here
साइबर कैफे की है गलती, इसे सुधारा जायेगा: डीएसडब्ल्यू click here
छात्राओं ने साइबर कैफे से दाखिले का फॉर्म भरा. साइबर कैफे ने फॉर्म भरने के समय जेंडर में
गलती कर दी. इसे हमजल्द सुधार देंगे.छात्राओं को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होने दी जायेगी.
प्रो अभय कुमार सिंह, डीएसडब्ल्यू, बिहार विवि
स्नातक में दाखिले के दौरान ‘फीमेल’ की जगह रिकार्ड में दर्ज हुआ ‘अन्य
विवि ने कहा, फार्म भरने में छात्राओं ने की गलती
एक छात्रा ने बगहा के बाबा भूतनाथ कालेज में हिस्ट्री ऑनर्स में दाखिला लिया है. एक छात्रा ने राम मनोहर लोहिया कालेज में बी कॉम में दाखिला लिया है. एक ने आरएसएस साइंस कॉलेज सीतामढ़ी में दाखिला लिया है. एक छात्रा ने एपीजे अब्दुल कलाम डिग्री कालेज में हिन्दी ऑनर्स में दाखिला लिया है. एक छात्रा ने पंडित उगम पांडेय कालेज मोतिहारी में हिंदी ऑनर्स में दाखिला लिया है. एक अन्य छात्रा ने मोतिहारी एमएस कालेज में साइकोलॉजी ऑनर्स में दाखिला लिया है. रेकॉर्ड में सात छात्राओं के जेंडर कॉलम में अन्य लिखे होने की वजह से सबने यही समझा कि ट्रांसजेडर ने दाखिला लिया है. लेकिन, रिकार्ड खंगालने के बाद यह चूक सामने आयी. बिहार विवि में स्नातक में 98 हजार दाखिले हुए हैं. इनमें छात्र 48594 और छात्रा 49660 हैं.