बीआरए बिहार विवि में बिना कॉलेज के नाम के अंकपत्र जारी कर दिया गया है। मामला पुराना है, लेकिन परीक्षा विभाग की पकड़ में अब आया है। दस्तावेजों के सत्यापन के दौरान परीक्षा विभाग के कर्मचारियों ने यह गलती पकड़ी। इन सर्टिफिकेट को अलग रख दिया गया है। इनके बारे में पता किया जाएगा।
परीक्षा नियंत्रक प्रो. संजय कुमार ने बताया
परीक्षा नियंत्रक प्रो. संजय कुमार ने बताया कि करीब 30 सर्टिफिकेट ऐसे हैं जिन पर कॉलेज के नाम नहीं हैं। यह शिक्षक नियोजन से जुड़े हुए सर्टिफिकेट हैं। ऐसी मार्क्सशीट की जानकारी निगरानी को भी दे दी गयी है। उन्होंने बताया कि परीक्षा विभाग में अब 100 से भी कम सर्टिफिकेट जांच के लिए बचे हुए हैं।
1800 शिक्षकों की डिग्री और मार्क्सशीट को सत्यापित करने के लिए कहा
विवि में इस वक्त शिक्षक नियोजन और दूसरे दस्तावेजों का सत्यापन का काम चल रहा है। निगरानी विभाग ने विवि से 1800 शिक्षकों की डिग्री और मार्क्सशीट को सत्यापित करने के लिए कहा था। इसके बाद विभाग में जोर शोर से इस पर काम शुरू किया गया। परीक्षा नियंत्रक ने बताया कि जिन मार्क्सशीट पर कॉलेज का नाम नहीं है वह 2014 से पहले के हैं। निगरानी को बता दिया गया है कि इन कॉलेजों के नाम नहीं मिले हैं।
फर्जी दस्तावेज कई राज्यों में पकड़े गये
बिहार विवि के फर्जी दस्तावेज कई राज्यों में पकड़े गये हैं। कुछ दिन पहले छत्तीसगढ़ से टीम विवि की डिग्री के सत्यापन के लिए आयी थी। इसमें कई डिग्रियां गलत पायी गयी थीं। इसके अलावा महाराष्ट्र से भी कई टीम जांच को आ चुकी है।
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