BIHAR UNIVERSITY : बिहार यूनिवर्सिटी ने इस बार रिसर्च के लिए 65 लाख का बजट तैयार किया है। पिछले साल यह राशि 63 लाख 81 हजार रुपये थी। रिसर्च पर सवा लाख रुपये का बजट बढ़ाने के बाद भी शोध करने वाले छात्रों को किताब के लिए दिल्ली और बनारस जाना पड़ रहा है।
यूनिवर्सिटी में रिसर्च के लिए कई जरूरी किताब नहीं
बिहार यूनिवर्सिटी में रिसर्च के लिए कई जरूरी किताब नहीं हैं। सोशल साइंस संकाय के एक शोधार्थी का कहना है कि विभाग में कई महत्वपूर्ण किताबें नहीं हैं। ऐसे में हमें काफी दिक्कत होती है। किताब के लिए हम दो से तीन बार दिल्ली और बीएचयू जा चुके हैं। यहां कई वर्षों से किताब नहीं आयी है। हमसे पहले वाले बैच के छात्रों को भी बिहार से बाहर जाकर ही रिसर्च की किताबें मिली थीं। छात्र चंदन यादव ने बताया कि रिसर्च के लिए हमें रिफ्रेंस बुक भी नहीं मिलता है।
वर्ष 2020-21 में यह बजट 60 लाख 77 हजार 531 रुपये तय किया गया था
इसके लिए हमें दूसरे यूनिवर्सिटी में रिसर्च करने वाले परिचितों से संपर्क करना पड़ता है। इसके अलावा बिहार विवि में शोध के छात्रों को कोई फेलोशिप भी नहीं दिया जाता है। कहा कि यूनिवर्सिटी की ओर से छात्रों का प्रोजेक्ट सीनियर रिसर्च सेंटर नहीं भेजा जाता है। इस कारण छात्रों को फेलोशिप नहीं मिलता है। बहार विवि में रिसर्च का बजट हर वर्ष बढ़ रहा है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में यह बजट 60 लाख 77 हजार 531 रुपये तय किया गया था।
BRABU B.Ed Result : B. Ed सत्र 2019-21 के द्वितीय वर्ष का रिजल्ट जारी, यहाँ से देखें अपना रिजल्ट
शोधार्थी परेशान
● सीनियर रिसर्च सेंटर में नहीं भेजा जाता है छात्रों का प्रोजेक्ट
● बीआरए बिहार यूनिवर्सिटी ने शोध पर बढ़ाया सवा लाख का बजट
राम कृष्ण ठाकुर, यूनिवर्सिटी रजिस्ट्रार ने कहा
जिस विषय में किताबें, रिफ्रेंस बुक और जर्नल नहीं है, उसे मंगाया जा रहा है। गुणवत्ता पूर्ण शोध कार्य के लिए यूनिवर्सिटी प्रतिबद्ध है। इस दिशा में काम शुरू कर दिया गया है। -प्रो. राम कृष्ण ठाकुर, रजिस्ट्रार
Telegram Group – Click here
Facebook Group – Click Here
Bihar News – Click Here
Join WhatsApp – Click Here
बिहार यूनिवर्सिटी के 1100 कर्मचारियों की हड़ताल जारी, वीसी से वार्ता नहीं होने पर कर्मचारी नाराज