बीआरए बिहार विश्वविद्यालय परीक्षाओं को लेकर नये सिरे से रणनीति तैयार करने में जुट गया है। कोरोना संक्रमण में कमी को देखते हुए विवि का परीक्षा विभाग आंतरिक तैयारी कर रहा है। हालांकि, विवि प्रशासन सरकार के दिशा-निर्देश का इंतजार कर रहा है, लेकिन तमाम संबंधित कर्मचारियों को लंबित परीक्षाओं की पूरी सूची उपलब्ध कराने को कहा है।
इसमें लंबित परीक्षाओं और तमाम परीक्षाओं में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों संभावित संख्या भी देने को कहा गया है। स्थिति नियंत्रित रही तो जुलाई में परीक्षाओं का आयोजन हो सकता है। इसी दिशा में कॉपियों व प्रश्नपत्रों की व्यवस्था की जाएगी।
परीक्षा नियंत्रक ने संभाला पदभार
बीआरए बिहार विवि के नये परीक्षा नियंत्रक • संजय कुमार ने शनिवार को परीक्षा नियंत्रक का पदभार संभाल लिया। कुलसचिव डॉ. आरके ठाकुर सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। परीक्षा नियंत्रक बनने पीजी अर्थशास के विभागाध्यक्ष प्रो. सुनील कुमार, शोध छात्र रवि कुमार, छात्र हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता व विवि अध्यक्ष संकेत मिश्रा विवि उपाध्यक्ष प्रकाश ठाकुर, यशवंत यादव, हिमांशु कुमार, राहुल कुमार, धीरज सिंह किंग, अवनीश कुमार, प्रशांत ठाकुर, रौशन कुमार सिंह ने उनको बधाई दी।
विवि में स्नातक, पीजी, बीएड बोकेशनल व पीएचडी एडमिशन टेस्ट सहित कई अन्य कोर्सों की परीक्षाएं होनी है। सबसे अधिक चुनौती स्नातक की परीक्षा को लेकर है। परीक्षा नियंत्रक डॉ. संजय कुमार ने कहा कि परीक्षाओं को लेकर रूपरेखा तैयार की जा रही है। सभी परीक्षाओं के संबंधित कर्मचारियों के साथ रविवार को ऑनलाइन बैठक होगी। इसमें उन्हें हरेक परीक्षाओं की सूची उपलब्ध करानी है। किस तरह से परीक्षाएं हो इसपर सुझाव मांगा जाएगा। उन्होंने कहा कि उनकी कोशिश होगी कि सरकार के निर्देश आते ही परीक्षाएं शुरू करा दी जाए। पीजी की दो परीक्षाओं का रिजल्ट भी जारी करना है। इनकी रिजल्ट की स्थिति का पता लगाया जा रहा है।
हालांकि, इन परीक्षाओं की कॉपियों की जांच कोरोना संक्रमण के कारण नहीं हो सकी है। ये छात्र सन्न 2018-20 के हैं। इनके रिजल्ट के बाद फोर्थ सेमेस्टर की परीक्षा होगी। इसके बाद पीजी की चार और परीक्षाओं का आयोजन भी होना है। परीक्षा नियंत्रक ने कहा कि परीक्षा में सोशल डिस्टेंसिंग की योजना बनाई जा रही है। एक अतिरिक्त परीक्षा केन्द्र विवि में हो जाने से पीजी व वोकेशनल की परीक्षाओं में दिक्कत नहीं आएगी। स्नातक की परीक्षाओं को लेकर विशेष रणनीति बनाने की जरूरत है। जिलावार छात्रों की संख्या मंगाकर उसी अनुरूप परीक्षा केन्द्र बनाए जाएंगे।
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