Bihar Schools Reopen 2022: कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की गति कम होने से राज्य के शैक्षणिक संस्थान 6 फरवरी के बाद खोले जाने के आसार हैं। संक्रमण की मौजूदा दर कायम रही या और क्षीण पड़ी तो प्रदेश के सभी सरकारी व निजी स्कूल, कॉलेज, कोचिंग व अन्य शैक्षणिक संस्थानों के 7 फरवरी से खोल देने की प्रबल संभावना है। हालांकि इसको लेकर अंतिम फैसला राज्य सरकार द्वारा गठित आपदा प्रबंधन समूह की बैठक में लिया जाएगा।
50 फीसदी उपस्थिति के साथ संचालित हो रहे
माना जा रहा है कि इस समूह की बैठक मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 5 फरवरी को होगी क्योंकि कोरोना संक्रमण को लेकर राज्य सरकार का वर्तमान दिशा-निर्देश 6 फरवरी तक के लिए प्रदेश में लागू है। जिसके तहत तमाम शैक्षणिक संस्थान तो बंद हैं लेकिन उनके दफ्तर 50 फीसदी उपस्थिति के साथ संचालित हो रहे हैं।
30 दिनों बाद तथा नए साल में पहली बार स्कूली बच्चे बस्ता लेकर विद्यालयों जायेंगे
ज्ञात सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार का शिक्षा विभाग बच्चों के लर्निंग लॉस को देखते हुए प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक तक के विद्यालयों को अब पूरी तरह खोल देने के पक्ष में है। यदि 7 फरवरी से विद्यालय संचालित होते हैं तो 30 दिनों बाद तथा नए साल में पहली बार स्कूली बच्चे बस्ता लेकर विद्यालयों में जायेंगे। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो इसको लेकर शिक्षा विभाग ने सरकार को अपने मंतव्य से अवगत भी कराया दिया है।
समीक्षा के बाद इन संस्थानों को 6 फरवरी तक बंद रखने का निर्णय लिया गया
विदित हो कि यदि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को देखते हुए 6 जनवरी से प्रारंभिक तक की कक्षाएं बंद कर दी गईं जबकि 9वीं से ऊपर की कक्षाएं 50 फीसदी बच्चों के साथ संचालित रखने का निर्णय हुआ। लेकिन संक्रमण की तेजी को देखते हुए 7 जनवरी से तत्काल प्रभाव से सभी शैक्षणिक संस्थाएं 21 जनवरी तक के लिए बंद कर दी गईं। पुन: स्थिति की समीक्षा के बाद इन संस्थानों को 6 फरवरी तक बंद रखने का निर्णय लिया गया।
बच्चों को हुआ है पढ़ाई का भारी नुकसान : शिक्षा मंत्री
7 फरवरी से स्कूल खोले जाने की तैयारी को लेकर पूछे जाने पर शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सोमवार को ‘हिन्दुस्तान’ से बातचीत में कहा कि शिक्षा विभाग की मंशा है कि शिक्षण संस्थान खुलें। लेकिन बच्चों के स्वास्थ्य को जोखिम में डालकर हम स्कूल चलाना नहीं चाहते। कोरोना संक्रमण काफी कम हुआ है। आपदा प्रबंधन समूह स्कूल खोलने पर बच्चों के जोखिम का आकलन कर अंतिम फैसला करेगा। लगातार स्कूल बंद रहने से बच्चों को पढ़ाई का भारी नुकसान हुआ है। इसलिए हम चाहते हैं कि पढ़ाई की अनियमितता समाप्त हो।
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