सरकारी स्कूलों के 9वीं से 12वीं तक के 36 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को डिजिटल पढ़ाई के लिए टैब या अन्य गैजेट देने की तैयारी चल रही है। इसके लिए टैब, लैपटॉप और इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट तैयार करने वाली विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ शिक्षा विभाग अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने पहली बैठक की।
इलेक्ट्रॉनिक गैजेट तैयार करने वाली कंपनियों के प्रतिनिधियों ने प्रजेंटेशन दिया। अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि लिखित रूप से प्रजेंटेशन के पूरे प्रस्ताव को विभाग को दें। विभाग ने अभी तय नहीं किया है कि टैब दिया जाए या छोटा लैपटॉप राशि खर्च के मामले पर अगली बैठक में चर्चा होगी।
15 दिनों के अंदर कंपनियों से प्रस्ताव मिलने के बाद विभाग फिर इस पर विमर्श करेगा। कोरोना संक्रमण में बच्चों की पढ़ाई बाधित है। खासकर सरकारी स्कूलों में पढ़ाई अधिक प्रभावित है। डिजिटल पढ़ाई के लिए गैजेट देने के ने प्रस्ताव को केंद्र कर चुका है खारिज कोरोना के कारण लगातार स्कूल से बच्चों की बाधित पढ़ाई को देखते बंद रहने ते हुए राज्य सरकार ने केंद्र से बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई के लिए टैब जैसे गैजेट देने का प्रस्ताव रखा था.
खासकर कक्षा 9 और 10 के बच्चों को टैब देने के लिए राज्य सरकार की ओर मांग की गई, जिसे केंद्र ने खारिज कर दिया। राज्य का तर्क था कि 9वीं और 10वीं के बच्चों को टैब मिलने से ऑनलाइन और डिजिटल पढ़ाई में मदद मिलेगी। समग्र शिक्षा अभियान के तहत इस योजना में केंद्रांश 60 और राज्यांश 40 प्रतिशत भागीदारी होती है।
12 मई को ही शुरू हुई ई-लाइब्रेरी
कक्षा 1 से 12 तक के बच्चों और शिक्षकों के लिए 12 मई को ई-लाइब्रेरी की शुरुआत की गई। इसमें सभी विषयों के अलग-अलग चैप्टर दिए गए हैं। ई-लाइब्रेरी में विभिन्न कक्षाओं के चैप्टर के वीडियोज भी हैं।” एससीईआरटी द्वारा तैयार दीक्षा पोर्टल से भी इसे लिंक किया गया है। ई-लाइब्रेरी ऑफ टीचर्स एंड स्टूडेंट्स (e-LOTS) को गूगल प्ले से डाउनलोड कर देखा सकता है। अधिकारियों के अनुसार ई-लाइब्रेरी में बच्चों और शिक्षकों के प्रश्नों का 24 घंटे ऑनलाइन जवाब दिलाने की व्यवस्था की जा रही है।
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