वाणिज्यकर विभाग ने ठेकेदारों के एक सिंडिकेट के खिलाफ चार जिलों के 10 स्थानों पर कार्रवाई कर करोड़ों का फर्जीवाड़ा पकड़ा। वाणिज्य कर विभाग ने शनिवार को बड़ी कार्रवाई की और राज्य के अनेक ठेकेदारों द्वारा किये गए फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया।
लगभग 72 करोड़ रुपये का फर्जी खरीद दर्शा रखा था।
विभाग ने एक सिंडिकेट में शामिल अनेक ठेकेदारों का निरीक्षण किया जो फर्जी खरीद के आधार पर करोड़ों के राजस्व की अपवंचना में संलिप्त थे। इस सिंडिकेट का किंगपिन गया में स्थित था, जिसने दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश के दो फर्मों से लगभग 72 करोड़ रुपये का फर्जी खरीद दर्शा रखा था।
कुल 10 स्थान पर ऐसे बड़े ठेकेदारों के विरुद्ध निरीक्षण की कार्रवाई की गई
विभागीय कार्रवाई में गया की यह फर्म अस्तित्वहीन तथा बोगस मिली। गया के इस अस्तित्वहीन फर्म ने राज्य की 131 फर्मों को बिटुमिन, सीमेंट आदि की बिक्री दर्शा रखी है। वाणिज्य कर आयुक्त सह सचिव के निर्देश पर गठित दलों द्वारा गया में 03, पटना में 4, सुपौल 1 तथा बेगूसराय में 2 कुल 10 स्थान पर ऐसे बड़े ठेकेदारों के विरुद्ध निरीक्षण की कार्रवाई की गई, जिन्होंने गया की उक्त बोगस फर्म से करोड़ों की खरीद दर्शायी थी। पाया गया कि ऐसी 10 फर्मों ने गया की उक्त फर्जी फर्म से करीब 48 करोड़ रुपये की कागजी खरीद दर्शा रखी थी।
सभी ठेकेदारों के विरुद्ध विभाग कठोर कार्रवाई करेगा
जांच के क्रम में पाया गया कि बिटुमिन की न तो वास्तविक आपूर्ति हुई और न ही किसी रकम का भुगतान हुआ। जांच के क्रम में पटना की एक फर्म द्वारा कर एवं ब्याज कुल 52 लाख रुपये की पूरी रकम का कैश द्वारा तत्काल भुगतान भी कर दिया गया, जबकि एक फर्म द्वारा 20 लाख रुपये का आंशिक भुगतान किया गया।
अरेस्ट करने जैसे कदम भी उठाए जा सकते हैं।
विभाग के अनुसार, इस सिंडिकेट में शामिल सभी ठेकेदारों के विरुद्ध विभाग द्वारा कठोर कार्रवाई की जाएगी और कर भुगतान नही किये जाने की स्थिति में अरेस्ट करने जैसे कदम भी उठाए जा सकते हैं।
बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकेश्वर प्रसाद ने कहा
करवंचना करने वालों पर विभाग की पैनी नजर है। फर्जीवाड़ा करने वाले फर्मो पर वाणिज्य-कर विभाग सघन जांच कर कठोर कार्रवाई करेगा। – तारकिशोर प्रसाद, उप मुख्यमंत्री, बिहार
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