कॉलेजों में वोकेशनल कोर्सों में एडमिशन के लिए छात्रों को इंतजार करना होगा। पिछले महीने एडमिशन के लिए कॉलेजों में अप्लाई शुरू होने के चार दिन बाद ही संक्रमण बढ़ने से कॉलेजों को बंद कर दिया गया। इसके साथ ही आवेदन करने की प्रक्रिया भी रुक गई।
छात्र आवेदन नहीं कर सके। अधिकतर कॉलेजों में एक भी आवेदन नहीं हो सका है। अब कोरोना की स्थिति सामान्य होने के बाद ही फिर से आवेदन के लिए निर्देश जारी किया जाएगा। विवि की ओर से सत्र 2021-22 में एडमिशन के लिए आवेदन शुरू किया गया था। हालांकि, कई कॉलेजों में ऑनलाइन आवेदन जमा होने से आवेदन आये हैं। लेकिन, यहां भी आवेदकों की संख्या कॉलेजों में 50 से अधिक नहीं आ पाया है।
पिछली बार भी कोरोना के कारण वोकेशनल कोर्सों में एडमिशन की प्रक्रिया लंबी चली थी। सीटें नहीं भर पायी थीं। विवि के करीब चार दर्जन से अधिक कॉलेजों में विभिन्न वोकेशनल कोर्सों की पढ़ाई होती है। ये कॉलेज पांच जिलों में है।
चार वर्षों से बंद बिहार विवि का हेल्थ सेंटर, कोरोना काल में कर्मियों को हो रही परेशानी
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय का हेल्थ सेंटर चिकित्सक की कमी के कारण चार वर्षों से बंद पड़ा है। कर्मचारियों और प्राध्यापकों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। संसाधनों से लैस इस हेल्थ सेंटर में कुल आठ कमरे हैं। यहां वर्तमान में चार कर्मी नियुक्त हैं।
उपकरण भी मौजूद हैं, लेकिन न दवाएं हैं और न चिकित्सक। विवि की ओर से भी चिकित्सकों की नियुक्ति के लिए पहल नहीं की जा रही है। यहां चिकित्सक के दो पद सृजित हैं। कोरोना काल में यह हेल्थ सेंटर काफी उपयोगी साबित हो सकता है, लेकिन विवि प्रशासन की उदासीनता के कारण कर्मचारियों व प्राध्यापकों को स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है।
बताते हैं कि यहां कार्यरत चिकित्सक डॉ.करुणा मिश्रा 2017 में सेवानिवृत्त हुई थीं। इसके बाद से यहां चिकित्सक का पद रिक्त है। इस हेल्थ सेंटर में एक्सरे के साथ ही विभिन्न प्रकार की जांच के साथ ही दवाएं भी निशुल्क दी जाती थी। कर्मचारियों की ओर से चिकित्सक की नियुक्ति के लिए मांग की जा रही है।
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