राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में इस साल सितंबर से पहले लंबित परीक्षाएं शुरू होने की संभावना कम है।
सरकार महामारी के बीच सबसे सुरक्षित परीक्षा आयोजित कराने के तरीकों पर काम कर रही है।
बिहार में कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए स्कूल-कॉलेज बंद हैं। ऐसे में स्कूलों में बच्चों की बिना परीक्षा लिए ही अगली कक्षा में प्रमोट किया जा रहा है। वहीं यूनिवर्सिटी के छात्रों को अभी परीक्षा के लिए इंतजार करना पड़ सकता है। राज्य के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि सितंबर से पहले लंबित परीक्षाएं शुरू होने की संभावना नहीं है।
कोरोना वायरस की वजह से सभी विश्वविद्यालयों की परीक्षा में देरी हो रही है। इसी को लेकर बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने मंगलवार को कहा कि राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में इस साल सितंबर से पहले लंबित परीक्षाएं शुरू होने की संभावना नहीं है। चौधरी ने कहा कि सरकार परीक्षा में देरी के कारण छात्रों को हो रही समस्या से अवगत है, लेकिन जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लिया जाएगा। सरकार महामारी के बीच सबसे सुरक्षित तरीके से परीक्षा आयोजित कराने के तरीकों पर काम कर रही है।
चौधरी ने कहा, “हमें उम्मीद है कि अगस्त के अंत तक स्थिति सामान्य हो सकती है, अगर कोरोना संक्रमण में वर्तमान दर पर भी सुधार जारी रहता है और राज्य में कोई नई कोविड लहर नहीं आती है तो फिर उस स्थिति में सरकार विश्वविद्यालयों को सितंबर के महीने में कोविड -19 प्रोटोकॉल के साथ परीक्षाएं आयोजित करने की अनुमति दे सकती है। उन्होंने कहा कि हालांकि परीक्षा के दौरान परिसर के चारों ओर सोशल डिस्टेंस और स्वच्छता बनाते रखने के साथ ही सभी को फेस मास्क का अनिवार्य रूप से उपयोग करना होगा।
मंत्री ने की युवाओं से अपील– जल्द लगवा लें टीका
मंत्री ने कहा कि युवाओं को जल्द से जल्द खुद को टीका लगवा लेना चाहिए ताकि उनके स्वास्थ्य से कोई समझौता न हो। कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में छात्रावासों को फिर से खोलने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मामला सरकार के विचार में है और इस पर जल्द ही उचित निर्णय लिया जाएगा।
डिग्री कॉलेज में ऑफलाइन कक्षाएं शुरू करने मं हो रही कठिनाई
दरअसल उच्च शिक्षा के अधिकांश संस्थानों को 50 फीसदी उपस्थिति के बावजूद ऑफ़लाइन कक्षाएं फिर से शुरू करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि उनके छात्रावास अभी भी बंद हैं। एनआईटी और बीआईटी पटना जैसे कुछ संस्थानों के प्रमुखों ने कहा कि जब तक बाहर से आने वाले छात्रों को उनके आवंटित कमरों में आवास उपलब्ध नहीं कराया जाता है, तब तक वे अपनी कक्षाओं में शामिल नहीं हो पाएंगे।
वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों के साथ विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को 50% उपस्थिति के साथ अपनी ऑफ़लाइन कक्षाएं फिर से शुरू करने की अनुमति दी गई है।
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