Kendriya Vidyalaya : केंद्रीय विद्यालय संगठन (Kendriya Vidyalaya Sangathan) ने सांसद कोटे और जिलाधिकारी कोटे समेत विशेष प्रावधानों के तहत केंद्रीय विद्यालयों में एडमिशन (Admission) पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है. वहीं सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) केंद्रीय विद्यालय में आगामी शैक्षणिक सत्र के लिए कक्षा एक में प्रवेश को लेकर न्यूनतम आयु छह साल के मानदंड को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया।
इससे संबंधित कई याचिकाओं की सुनवाई कर रहीं न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने कहा कि मैं याचिकाओं को खारिज कर रही हूं. याचिकाओं में दलील दी गई थी कि केंद्रीय विद्यालय संगठन की ओर से न्यूनतम आयु आवश्यकता को पांच साल से छह साल में अचानक परिवर्तन करना अनुचित और मनमाना है.
’21 राज्यों ने कक्षा एक के लिए सिक्स प्लस व्यवस्था को किया लागू’ :
उन्होंने अदालत से ये कहकर रोक नहीं लगाने का अनुरोध किया कि अदालत के आदेश का अखिल भारतीय प्रभाव होगा और ये पांच से सात साल की आयु के छात्रों के बीच विविधता पैदा करेगा. एएसजी ने अदालत को ये भी सूचित किया कि 21 राज्यों ने कक्षा एक के लिए सिक्स प्लस व्यवस्था को लागू किया है और चूंकि केवी केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए है, जिन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान पर ट्रांसफर किया जाता है, इसलिए प्रवेश आयु के संबंध में एकरूपता सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति को पहले प्री-प्राइमरी स्तर पर लागू
याचिकाकर्ताओं में शामिल पांच साल की बच्ची की ओर से पेश वकील अशोक अग्रवाल ने सोमवार को दलील दी कि नीति में बदलाव के जरिए अधिकारी उसे शिक्षा के अधिकार से वंचित नहीं कर सकते. उन्होंने जोर देकर कहा कि बिना किसी पूर्व सूचना के आयु मानदंड में परिवर्तन उन छात्रों के हित के लिए हानिकारक है, जिन्हें प्रवेश प्रक्रिया में भाग लेने का अधिकार है. अग्रवाल ने ये कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को पहले प्री-प्राइमरी स्तर पर लागू किया जाना है और इसे सीधे कक्षा एक में प्रवेश करने वाले छात्रों पर नहीं लागू किया जा सकता है.
केंद्रीय विद्यालयों में इस तरह के कोटा को खत्म करने की मांग
भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने केंद्रीय विद्यालय संगठन के एमपी और डीएम कोटे सहित विशेष प्रावधानों के तहत केवीएस स्कूलों में प्रवेश पर रोक लगाने के फैसले का स्वागत किया है. बता दें कि बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने हाल ही में समाप्त हुए संसद के बजट सत्र में इस मुद्दे को उठाया था और केंद्रीय विद्यालयों में इस तरह के कोटा को खत्म करने की मांग की थी ।
सांसद ने कहा- इस कोटा को स्थायी रूप से समाप्त करने की जरूरत
सुशील मोदी ने कहा कि केंद्रीय विद्यालयों में सांसदों, जिला मजिस्ट्रेट प्रवेश कोटा को रोकने के लिए केवीएस का कदम सराहनीय है. उन्होंने कहा कि इस फैसले से हर साल एससी, एसटी, ओबीसी के लगभग 15,000 स्टूडेंट्स लाभान्वित होंगे. इस कोटा को स्थायी रूप से समाप्त करने की जरूरत है.
कोटा के प्रावधान से भी नाराजगी- सुशील मोदी :
सुशील मोदी ने कहा कि एमपी कोटे से करीब 7,500 छात्र और 22,000 छात्र जिलाधिकारियों के कोटा से दाखिल हुए. केवी के दाखिले में ऐसे नामांकन में न तो आरक्षण के नियमों का पालन होता है और न ही प्रवेश का आधार मेरिट है. इसलिए योग्यता के आधार पर आरक्षण और नामांकन के लिए एक झटके में 30,000 सीटें बढ़ाई जाएंगी. सांसद ने कहा कि कोटा के प्रावधान से भी नाराजगी है. क्योंकि एक सांसद अपने कोटे से केवल 10 दाखिले करवा सका, जबकि प्राप्त अनुरोध सैकड़ों में थे.
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