बीआरए बिहार यूनिवर्सिटी के 200 शिक्षकों का कंफर्मेशन तीन वर्ष से अटका हुआ है। इन शिक्षकों ने वर्ष 2019 में योगदान दिया था। शिक्षकों का कहना है कि कंफर्मेशन नहीं होने से हम पीएचडी नहीं करा सकते हैं। इससे हमारे प्रमोशन में दिक्कत होगी।
शिक्षकों ने बताया यूजीसी का नियम
इसके अलावा अगर सेवा कंफर्म नहीं होने से किसी शिक्षक की मौत होती है तो उसके परिजन को कोई सरकारी लाभ नहीं मिल सकता है। शिक्षकों ने बताया कि यूजीसी का नियम है कि एक वर्ष के अंदर ही कंफर्मेशन कर दिया जाये, लेकिन बिहार यूनिवर्सिटी में अब तक नहीं हुआ।
बिहार यूनिवर्सिटी का नियम है कि दो वर्ष के बाद शिक्षकों की सेवा कंफर्म की जाये, लेकिन यह मियाद भी हमलोगों की पूरी हो गयी है। शिक्षकों के कंफर्मेशन पर यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार प्रो. राम कृष्ण ठाकुर का कहना है कि कंफमर्मेशन की प्रक्रिया चल रही है, दो से तीन दिन में यह पूरी हो जायेगी।
वर्ष तक कई बार कहने के बाद बिहार यूनिवर्सिटी ने सेवा कंफर्म की।
वर्ष 2017 में योगदान देने वाले शिक्षकों का कंफर्मेशन भी देर से यूनिवर्सिटी ने किया था। इन शिक्षकों का कंफर्मेशन भी 2020 के अंत में हुआ था। शिक्षकों ने बताया कि तीन वर्ष तक कई बार कहने के बाद बिहार यूनिवर्सिटी ने सेवा कंफर्म की।
कंफर्मेशन के लिए हर बार होता है आंदोलन
बिहार यूनिवर्सिटी में शिक्षकों को कंफर्मेशन के लिए हर बार आंदोलन करना पड़ता है। पिछली बार भी शिक्षकों ने कई बार रजिस्ट्रार को आवेदन दिया और जुलूस निकाला। इसके बाद विवि ने शिक्षकों कंफर्मेशन की प्रक्रिया शुरू की। इस वर्ष भी बिहार विवि के शिक्षक एसोसिएशन (बूटा) ने बैठक कर कंफर्मेशन का मुद्दा उठाया है। शिक्षकों ने विवि को जल्द कंफर्मेशन करने का अल्टीमेटम दिया है।
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