बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के स्नातक पार्ट वन 2019-20 सत्र का रिजल्ट निकलें तकरीबन एक माह हो गए। लेकिन, परीक्षा विभाग की मानें तो अब भी ढाई हजार से अधिक छात्र-छात्राओं के रिजल्ट में गड़बड़ी हैं। यूनिवर्सिटी ने इसमें सुधार के लिए 9 टैबुलेटर की नियुक्ति की है।
परीक्षा नियंत्रक डॉ. संजय कुमार ने कहा
छात्रों से कहा गया है कि वैसे क्षार्थी जिनके रिजल्ट में प्रायोगिक परीक्षा के अंक नहीं है या अन्य किसी कारण से पेंडिंग है, वे कॉलेज में आवेदन के साथ एडमिट कार्ड की फोटो कॉपी जमा करेंगे। परीक्षा नियंत्रक डॉ. संजय कुमार ने कहा कि प्राचार्यों से कहा गया है कि वे छात्रों से लिए गए आवेदन पर मोबाइल नंबर भी लें ताकि किसी तरह की परेशानी आने पर संबंधित छात्र से संपर्क किया जा सके।
कई कॉलेजों के प्राचार्यों को बुलाकर उनकी बैठक की गई
प्राचार्यों को प्राप्त आवेदन जल्द से जल्द यूनिवर्सिटी में जमा कराने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि सवा लाख छात्रों में से तकरीबन 5 हजार छात्रों के रिजल्ट में प्रायोगिक परीक्षा के अंक नहीं चढ़े थे। कई कॉलेजों के प्राचार्यों को बुलाकर उनकी बैठक की गई। उनसे जिन छात्रों का प्रायोगिक अंक नहीं आए थे, वो लिए गए। अंक पत्र पर नंबर चढ़ा दिए गए हैं। एजेंसी ने जो रिपोर्ट दी, उसके मुताबिक, 50 प्रतिशत गड़बड़ी ठीक कर ली गई है।
अन्य लंबित रिजल्ट में भी सुधार कर जारी कर दिया जाएगा।
जिन छात्रों के अंक नहीं आए थे, उनकी मार्क्स शीट पर एजेंसी ने ए यानी एबसेंट कर दिया था। इससे छात्रों में भ्रम की स्थिति बन गई थी। छात्रों को लगा कि उन्होंने परीक्षा दी लेकिन अनुपस्थित बता दिया गया है। जबकि ऐसी बात नहीं है। परीक्षा विभाग की ओर से अब 9 टैनुलेटर नियुक्त किए गए हैं, जिनके पास आवेदन आते ही अन्य लंबित रिजल्ट में भी सुधार कर जारी कर दिया जाएगा। छात्रों को रिजल्ट के लिए विवि में चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है।
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