पीजी विभागों को नहीं मिले दाखिले के पैसे, दाखिले के 57 लाख
एक छात्र पर 1100 रुपये की थी हिस्सेदारी.
बीआरए बिहार विवि के पीजी 2nd Or 3rd semester practical – click here
बीआरए बिहार विवि के पीजी दाखिले के 57 लाख रुपये पीजी विभागों में जाने के बजाये विवि के खाते में चले गये हैं. पीजी विभागाध्यक्षों का कहना है कि छात्रों के दाखिले में जो फीस जमा हुई, उसमें
पीजी विभागों का भी हिस्सा था जो विवि ने खुद रख लिया.
पैसे नहीं मिलने से हमें विभाग चलाने में दिक्कत आ रही है. भूगोल विभाग के अध्यक्ष रामप्रवेश यादव ने
बताया कि पीजी दाखिले में छात्रों से 2750 रुपये लिये जाते हैं. इसमें 1100 रुपये विभाग के होते हैं.
लेकिन विभाग के हिस्से के पैसे नहीं मिले हैं, सभी पैसे विवि के खाते में चले गये हैं.
विभागों को लंबे समय से कंटीजेंसी का पैसा भी नहीं मिल रहा है. पैसे नहीं रहने से विभाग चलाने में दिक्कत आ रही है. कई विभागों ने मिलकर तय किया है कि इसके लिए एक लिखित ज्ञापन विवि प्रशासन को दिया जाये. दो से तीन दिनों में हमलोग इसे सौंप देंगे. इस बाद पीजी में 5200 छात्रों का दाखिला हुआ है. 1100 रुपये प्रति छात्र के हिसाब से पीजी विभागों को 57 लाख 20 हजार
रुपये बनते हैं.
कॉलेजों ने भी कई बार मांगे हैं पैसे पीजी के अलावा कॉलेजों ने भी
ऑनलाइन दाखिले के लिए लिये जाने वाले आवेदन में हिस्सेदारी नहीं देने पर नाराजगी जतायी है. Click here
कॉलेजों के प्राचार्यों का कहना है कि ऑनलाइन आवेदन होने से हम अपना प्रॉस्पेक्टस नहीं बेच पा रहे हैं, इससे कॉलेजों की आमदनी घट गयी है. विवि ने 2018 में वादा किया था कि ऑनलाइन आवेदन में कॉलेजों को भी फीस का हिस्सा दिया जायेगा, लेकिन वह नहीं मिला.
कमेटी बनाकर होगा फैसला :
रजिस्ट्रार रजिस्ट्रार प्रो राम कृष्ण ठाकुर
ने बताया कि पीजी विभागों को कितने रुपये देने हैं, इस पर कमेटी बनाकर फैसला लिया जायेगा. जिसका जो हिस्सा है, उसे दे दिया जायेगा. किसी को परेशानी नहीं होने दी जायेगी.