बीआरए बिहार विश्वविद्यालय ने पांच महीने बाद भी सभी कॉलेजों को स्नातक पार्ट थर्ड का अंकपत्र नहीं भेजा है. इससे छात्र-छात्राओं के सामने पीजी में एडमिशन लेने में परेशानी हो रही है. किसी तरह अंडरटेकिंग देकर छात्र एडमिशन, तो ले लिये हैं. लेकिन, अब अंकपत्र के लिए कॉलेज व विवि का चक्कर लगा रहे हैं. इस संबंध में विवि की ओर से कहा जा रहा है कि सभी कॉलेजों को अंकपत्र भेज दिया गया है.
रिजल्ट 14 मार्च को जारी किया गया था
स्नातक सत्र 2017-20 का फाइनल रिजल्ट 14 मार्च को जारी किया गया था. उस समय कॉलेजों को लिस्ट भेज दी गयी कि कितने छात्र सफल हैं और कितने असफल अप्रैल से विवि व कॉलेज बंद हो गये. जब स्थिति सामान्य हुई, तो तमाम कॉलेजों में अंकपत्र भी भेजा गया. इस बीच पीजी में एडमिशन की प्रक्रिया शुरू हो गयी. छात्र जब एडमिशन लेने पहुंचे, तो अंकपत्र की मांग होने लगी.
20 दिनों की अंडरटेकिंग लेकर एडमिशन कराने का फरमान सुना दिया
विवि के अधिकारियों ने कॉलेजों में अंकपत्र भेजवाने के बजाय 20 दिनों की अंडरटेकिंग लेकर एडमिशन कराने का फरमान सुना दिया. तमाम छात्र-छात्राओं ने अंडरटेकिंग पर एडमिशन तो ले लिया. लेकिन, अब अंकपत्र के लिए कॉलेज व विवि का चक्कर लगा रहे हैं.
दर्जनों छात्र अंकपत्र के लिए विश्वविद्यालय पहुंच रहे
वहीं, पहली या दूसरी मेरिट लिस्ट में नाम आने के बाद भी कई एडमिशन नहीं ले सके. मुजफ्फरपुर के अलावा सीतामढ़ी, शिवहर व चंपारण से रोजाना दर्जनों छात्र अंकपत्र के लिए विश्वविद्यालय पहुंच रहे हैं.
परीक्षा नियंत्रक डॉ संजय कुमार ने कहा
परीक्षा विभाग सहित अधिकारियों के चेंबर का चक्कर लगाकर शाम को वापस लौट जाते हैं. उनका कहना है कि अंकपत्र नहीं होने के कारण प्रोविजनल नामांकन लेना पड़ रहा है. विश्वविद्यालय ने अंकपत्र नहीं दिया तो उनकी क्या गलती है. परीक्षा नियंत्रक डॉ संजय कुमार ने कहा कि सभी कालेजों को अंकपत्र भेजा गया है. यदि किसी कॉलेज में विद्यार्थियों को अंकपत्र नहीं मिला है, तो कॉलेज प्रबंधन को चाहिए कि विवि से संपर्क कर इसे प्राप्त करे.
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