बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) सबौर में नयी शिक्षा नीति के तहत पढ़ाई 15 अगस्त तक लागू कर दी जाएगी। इसको लेकर तैयारी जोर-शोर से चल रही है। नए कुलपति के निर्देश पर विवि अंतर्गत कॉलेजों में कृषि आधारित कोर्स पर चर्चा जोर-शोर से शुरू हो चुकी है। 16 जुलाई तक कॉलेज बीएयू को अपनी रिपोर्ट देगा। फिर बोर्ड ऑफ स्टडीज में यूजी और पीजी में कृषि आधारित कोर्स को पारित कराया जाएगा। Bihar Agricultural University
कुलपति डॉ. अरुण कुमार ने कहा कि अगस्त में एकेडमिक काउंसिल की बैठक कराकर 15 अगस्त तक इसे लागू करने की योजना है।
इसके साथ ही बीएयू आने वाले दिनों में बहु विषयक होंगे तथा उद्यमित्ता विकास हेतु छात्रों को खास तकनीकों के साथ हुनरमंद बनाया जाएगा। एक बार प्रवेश पर असामान्य परिस्थिति में पढ़ाई छोड़ने पर प्रमाण पत्र, डिप्लोमा, डिग्री आदि समयानुसार प्रदान की जाएगी। यानि छात्रों द्वारा पहले से पढ़ा गया कोर्स अब व्यर्थ नहीं जाएगा। Bihar Agricultural University
पढ़ाई के साथ-साथ आचरण पर भी ध्यान :
पढ़ाई के साथ-साथ छात्रों के आचरण पर भी ध्यान दिया जाएगा। नयी शिक्षा नीति में आचरण विज्ञान के समावेश की बात कही। इसकी कमी पुरानी शिक्षा में हमेशा से महसूस की जाती रही है। विशेषज्ञों की मानें तो बीएयू इन्हीं बिंदुओं पर अपना कोर्स डिजाइन करेगा जो छात्रों के लिए काफी फायदेमंद रहेगा।
इसी विषय पर गुरुवार को बीएयू के कुलपति की अध्यक्षता में एक ब्रेन स्टोर्मिंग सेशन (बैठक) आयोजित की गयी थी। इसमें विवि के पूर्व कुलपति डॉ. अजय कुमार सिंह, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (कांके, रांची) के कुलपति डॉ. ओंकार नाथ सिंह उपस्थित थे। साथ ही साथ आईसीएआर-नार्म, हैदराबाद के संयुक्त निदेशक डॉ. जी वेंकटेश्वरल्लू एवं डॉ. बिरेन्द्र कुमार (विश्वविद्यालय के पूर्व अधिष्ठाता – परास्नातक) ने भी नयी शिक्षा नीति पर अपने विचार रखे।
कॉलेजों का फीडबैक होगा महत्वपूर्ण:
बैठक में मुख्य अतिथि व पूर्व कुलपति डा. अजय कुमार सिंह ने नयी शिक्षा नीति को त्वरित ढंग से लागू करने के लिए विस्तृत चर्चा की तथा विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी कॉलेजों के प्राचार्य को सलाह दी कि वे अपने कॉलेज स्तर पर बैठक कर 16 जुलाई तक एक संक्षिप्त रिपोर्ट विश्वविद्यालय में जमा करेंगे। साथ ही महीने के अंत तक एक बैठक कर इस नयी शिक्षा नीति पर पुनः विचार कर इसे लागू करने हेतु आगे की कार्यवाही होगी। कुलपति डॉ. अरुण कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय के सभी वैज्ञानिक, कर्मचारी, विद्यार्थी मिलकर जब पूरे मनोयोग से कार्य करेंगे तो बिहार कृषि विश्वविद्यालय में भारत सरकार द्वारा बनायी गयी नयी शिक्षा नीति लागू हो सकेगा।
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