बीएड में प्रवेश पात्रता को लेकर सीइटी बीएड के स्टेट नोडल अधिकारी प्रो अशोक कुमार मेहता ने स्थिति स्पष्ट की है. उन्होंने कहा कि इस परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए सभी कोटि के आवेदक को स्नातक में 50 प्रतिशत अंक होना अनिवार्य है. यदि आवेदक को स्नातक में 50 प्रतिशत से कम अंक है, तो फिर उसके लिए स्नातकोत्तर में 55 प्रतिशत अंक अनिवार्य किया गया है.
बीई/बीटेक योग्यताधारी को गणित एवं विज्ञान विषय में अनिवार्यता के साथ 55 प्रतिशत अंक होना चाहिए, मालूम हो कि मिथिला विश्वविद्यालय सीइटी बीएड का स्टेट नोडल विश्वविद्यालय है. बीएड- 2021 में नामांकन के लिए आयोजित होने वाली परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन पांच जून तक निर्धारित है. विलंब शुल्क के साथ आवेदन आठ जून तक जमा किया जा सकेगा.
बीएड कॉलेजों में नामांकन के लिए आवेदन कल तक, इस बार होंगे सबसे अधिक अभ्यर्थी
राज्य के बीएड कॉलेजों में नामांकन के लिए होने वाली संयुक्त प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन की प्रक्रिया पांच जून तक चलेगी। इस बीच बीएड सीईटी 2021 में ऑनलाइन फॉर्म भरने वाले आवेदकों की संख्या 1.25 लाख से अधिक हो चुकी है। इसमें से 1.18 लाख से अधिक छात्रों ने शुल्क भी जमा कर दिया है।
पिछले साल आवेदकों की संख्या 1.22 लाख ही थी। अब तक चली आवेदन की प्रक्रिया दो बार बढ़ाई जा चुकी है। इससे पहले आवेदन की प्रक्रिया सात अप्रैल तक निर्धारित थी, उसे बढ़ा कर 25 मई तक आवेदन की छूट दी गई थी। इसके बाद पांच जून तक आवेदन की छूट दी गई। इन तिथियों पर भी जो आवेदन नहीं कर सके वे विलंब शुल्क के साथ 6 जून से 8 जून के बीच ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।
11 जुलाई को संभावित है प्रवेश परीक्षा
आवेदन प्रक्रिया विलंब शुल्क देने के बाद आठ जून को समाप्त हो जाएगी। ऑनलाइन फॉर्म सुधार और फीस पेमेंट के लिए नौ और 10 जून की तिथि निर्धारित की गई है। इसके बाद एक जुलाई से एडमिट कार्ड जारी होंगे और प्रवेश परीक्षा 11 जुलाई को होगी।
आवेदन के लिए न्यूनतम योग्यता
• बीएड प्रवेश परीक्षा में शामिल होने के लिए विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, मानविकी, वाणिज्य में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातक या स्नातकोत्तर डिग्री अनिवार्य है। वहीं बीई या बीटेक में गणित और विज्ञान में विशेषज्ञता वाले छात्र योग्य होंगे। हालांकि इन छात्रों के लिए न्यूनतम अंक 55 फीसदी है।
• शिक्षा शास्त्री प्रवेश परीक्षा में शामिल होने के लिए किसी भी मान्यता प्राप्त विवि से शास्त्री या संस्कृत मुख्य विषय के रूप में बीए या समतुल्य परम्परागत परीक्षा में न्यूनतम 50 फीसदी प्राप्तांक के साथ उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।
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