बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के पीजी विभागों व अंगीभूत कालेजों को मिलाकर नियमित शिक्षकों के करीब एक हजार से अधिक पद रिक्त हैं। यूनिवर्सिटी में शिक्षकों के कुल 1730 पद सृजित हैं। इसमें से फरवरी तक 1003 पद खाली थे। वहीं इन नौ महीने में यूनिवर्सिटी और कालेजों को मिलाकर करीब 40 शिक्षक सेवानिवृत्त हो गए हैं। कई कालेज तो ऐसे हैं जहां कई विषयों में एक भी नियमित शिक्षक नहीं हैं।
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करीब दो लाख विद्यार्थियों को पढ़ाने का जिम्मा इनपर
ऐसे में अतिथि शिक्षकों को वहां नियुक्त किया गया है। यूनिवर्सिटी में वर्तमान में शिक्षकों की संख्या सृजित पद से आधी भी नहीं हैं। इसके बाद भी करीब दो लाख विद्यार्थियों को पढ़ाने का जिम्मा इनपर है।
कुलसचिव ने कहा
रेगुलेशन और मानक के अनुसार पीएचडी करायी जाती है. कोर्स वर्क के लिए छुट्टी लेनी होती है. यदि बगैर अवकाश के कोर्स वर्क कराया गया, तो गलत है. अभी यह मामला संज्ञान में नहीं आया है. शिकायत मिलने पर जांच करायी जायेगी. विश्वविद्यालय का कोई बीएड कॉलेज नहीं है, इसके चलते प्राइवेट कॉलेज के प्रोफेसर को एजुकेशन का डीन बनाया गया है. यो आटके ठाकुर, कुलसचिच- बिहार यूनिवर्सिटी
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