UPSC CSE : यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के सफल अभ्यर्थियों को अब उनके चयन के बाद कोचिंग संस्थानों के विज्ञापनों के जरिए कमाई करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। यूपीएससी परीक्षा के सफल उम्मीदवारों को अब सिविल सर्विसेज के जॉइनिंग लेटर पर हस्ताक्षर करने के फौरन बाद कोचिंग संस्थानों के साथ अपना कॉन्ट्रेक्ट खत्म करना होगा।
दरअसल यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की कोचिंग देने वाले बहुत से संस्थान अपने सफल अभ्यर्थियों से कॉन्ट्रेक्ट करते हैं और उनके फोटो विज्ञापनों में छापकर नए अभ्यर्थियों को आकर्षित करते हैं। यूपीएससी के सफल अभ्यर्थियों को इन विज्ञापनों से इनकम होती है। लेकिन अब वह इस एक्स्ट्रा कमाई का आनंद नहीं ले सकेंगे।
बिहार की सभी बड़ी सरकारी नौकरी और योजना की लेटेस्ट अपडेट पाने के लिए टेलीग्राम और WhatsApp Group ज्वाइन करें!
Join WhatsApp – Click Here
Join Telegram Group – Click here
Facebook Group – Click Here
Follow On Google News – Click on Star 🌟
परीक्षाओं के सफल अभ्यर्थियों का कैडर आवंटन का कार्य देखती :
मिंट अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (सीसीपीए) की ओर से केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) से की गई बातचीत के मुताबिक न सिर्फ यूपीएससी सिविल सर्विसेज एग्जाम के टॉपर बल्कि सभी सफल अभ्यर्थियों को जॉइनिंग लेटर साइन करने के बाद कोचिंग इंस्टीट्यूट्स से अपना एड कॉन्ट्रेक्ट खत्म करना होगा। डीओपीटी ही यूपीएससी की ओर से आयोजित होने वाली विभिन्न भर्ती परीक्षाओं के सफल अभ्यर्थियों का कैडर आवंटन का कार्य देखती है।
ये भी पढ़ें: BPSC TRE : शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को लेकर जारी किए 4 बड़े फैसले, BPSC TRE में चयनित अभ्यर्थी के लिए है ये फैसले?
सीसीपीए रिपोर्ट में कहा गया :
सीसीपीए ने अपनी जांच में पाया है कि कोचिंग संस्थान जिस तरह से यूपीएससी आईएएस टॉपरों की फोटो का इस्तेमाल अपने विज्ञापनों में करते हैं, वह उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के ‘भ्रामक विज्ञापन’ और ‘अनुचित व्यापार प्रथाओं’ की धाराओं के तहत आता है। सीसीपीए रिपोर्ट में कहा गया है कि कोचिंग सेंटरों ने उम्मीदवारों को लुभाने के लिए भ्रामक और बढ़ा चढ़ाकर किए दावों का सहारा लिया।
यह ख़बर बिल्कुल अभी आई है और इसे सबसे पहले आप zeebihar.com पर पढ़ रहे हैं। जैसे-जैसे जानकारी मिल रही है, हम इसे Update कर रहे हैं। आप हमारे साथ बने रहिए और पाइए हर सही ख़बर, सबसे पहले सिर्फ zeebihar.com पर
सीसीपीए रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कोचिंग उद्योग 58,088 करोड़ रुपये का है, जिसमें से सिविल सेवा परीक्षा कोचिंग का हिस्सा 3,000 करोड़ रुपये है। दिल्ली को सिविल सेवा परीक्षा का कोचिंग का गढ़ माना जाता है।
ये भी पढ़ें: BPSC Teacher : शिक्षा विभाग ने BPSC से चयनित शिक्षकों को दिया अल्टीमेटम, इस दिन तक करें ज्वाइन, नहीं तो जायेगी नौकरी
सीसीपीए ने डीओपीटी को पत्र लिखकर सुझाव दिया है कि वह उन सभी उम्मीदवारों पर केंद्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1964 लागू करे, जो कोचिंग संस्थानों के विज्ञापनों में पूरे साल ब्रांड एंबेसडर के रूप में छाए रहते हैं। इन आचरण नियमों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कोई भी सरकारी कर्मचारी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी व्यापार या व्यवसाय से जुड़ेगा या कोई रोजगार नहीं करेगा।
सीसीपीए की रिपोर्ट का हवाला देते हुए पत्र में इस बात पर जोर देकर कहा गया है कि ये कोचिंग संस्थान अपने विज्ञापनों में इस बात को छिपाते हैं कि सफल उम्मीदवारों ने वहां से कौन सा कोर्स किया था। कई तरह की जानकारियां जानबूझकर छिपाकर नए अभ्यर्थियों को गुमराह किया जाता है।
ये भी पढ़ें: NPCI UPI ID News : फ़ोन पे – गूगल पे वालों का 31 दिसंबर के बाद बंद हो जायेगा यूपीआई ट्रांजैक्शन, जानें क्या है कारण?
उपरोक्त सभी बिंदुओँ की मदद से हमने आपको पूरी न्यू अपडेट के बारे मे बताया ताकि आप इसका पूरा – पूरा लाभ प्राप्त कर सकें। अन्त, आर्टिकल के अन्त में, हमें उम्मीद है कि आप सभी को हमारा यह आर्टिकल बेहद पसंद आया होगा जिसके लिए आप हमारे इस आर्टिकल को लाइक, शेयर व कमेंट करेगे।
बिहार की सभी बड़ी सरकारी नौकरी और योजना की लेटेस्ट अपडेट पाने के लिए टेलीग्राम और WhatsApp Group ज्वाइन करें!
Join WhatsApp – Click Here
Join Telegram Group – Click here
Facebook Group – Click Here
Follow On Google News – Click on Star 🌟