स्नातक और पीजी के परिणाम में हुई बड़ी गड़बड़ी सुधार के नाम पर बंद किया गया पोर्टल, यहाँ जाने परीक्षा नियंत्रक ने बताया

बिहार यूनिवर्सिटी की ओर से स्नातक सत्र 2019-22 की परीक्षा का परिणाम महज 10 दिनों में जारी कर दिया गया। विद्यार्थियों ने इसपर हर्ष जताया था कि सत्र को ट्रैक पर लाने का यूनिवर्सिटी का यह प्रयास सफल होता दिख रहा, लेकिन इस परिणाम में बड़े स्तर पर गड़बड़ी का मामला सामने आया है। इस परीक्षा में प्रत्येक पेपर में 50 प्रश्नों के उत्तर देने थे। प्रत्येक प्रश्न आब्जेक्टिव थे और उसके लिए दो अंक निर्धारित थे।

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आब्जेक्टिव हुई परीक्षा और प्रत्येक प्रश्न दो अंक के तो विषम अंक कैसे मिले…

ओएमआर शीट पर विद्यार्थियों ने उत्तर लिखा था और कंप्यूटर से स्कैन कर उसका उत्तर तैयार करना था। ऐसे में प्रत्येक प्रश्न के लिए दो अंक मिलने का मतलब विद्यार्थियों का प्राप्तांक सम संख्या में होना चाहिए था। यूनिवर्सिटी की ओर से जारी परिणाम में विद्यार्थियों को 53, 63, 65, 47, 43, 45 अंक मिले हैं। इससे कापी जांच की पद्धति पर प्रश्नचिह्न उठने लगा है। वहीं काफी संख्या में विद्यार्थी ऐसे हैं जिन्हें सब्सिडयरी पेपर में प्रायोगिक परीक्षा में अनुपस्थित कर दिया गया है। विद्यार्थियों का कहना है कि वे परीक्षा में शामिल हुए थे।

परीक्षा नियंत्रक ने बताया

परीक्षा नियंत्रक बोले- तकनीकी गड़बड़ी हुई सुधार हो रहा परीक्षा नियंत्रक डा. संजय कुमार से जब परिणाम में हुई गड़बड़ी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि तकनीकी गड़बड़ी हुई है। बताया कि जिन विद्यार्थियों को 45 अंक है उन्हें पांच अंक तक ग्रेस दिया गया होगा। इससे ऊपर के अंक में विषम संख्या होने की स्थिति में गड़बड़ी हो सकती है। एजेंसी को के इसके लिए कहा गया है। परिणाम सुधार कर जारी किया जाएगा।

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5 जिले के एक लाख अधिक विद्यार्थियों को परिणाम देखने में हो रही परेशानी दो दिनों से बंद है वेबसाइट

परिणाम में गड़बड़ी का हो रहा सुधार कुछ छात्र-छात्राओं को पांच अंक तक दिया गया ग्रेस दूसरे दिन भी बंद रहा पोर्टल, परिणाम जानने को परेशानी विश्वविद्यालय की ओर से शनिवार को ही सत्र 2019-22 के प्रथम वर्ष का परिणाम जारी किया गया। देर रात कुछ विद्यार्थियों ने परिणाम देखा, लेकिन इसके बाद पोर्टल बंद हो गया साइट इज अंडर मेंटेनेंस बता रहा है। इस कारण स्नातक के एक लाख से अधिक विद्यार्थी परेशान है। साथ ही पीजी के प्रथम वर्ष का परिणाम भी नहीं दिख रहा है। परीक्षा नियंत्रक ने बताया कि परिणाम में तकनीकी गड़बड़ी हो गई है। उसे सुधारकर जारी किया जा रहा है।

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