BRABU : बिहार यूनिवर्सिटी में सात वर्ष के टेबुलेशन रजिस्टर जांच के दायरे में, यहां जाने क्या है पूरा मामला

BRABU BIHAR UNIVERSITY: बिहार यूनिवर्सिटी में सात वर्ष के टेबुलेशन रजिस्टर (टीआर) जांच के दायरे में हैं। यूनिवर्सिटी की ऑडिट करने आई महालेखाकार की टीम ने परीक्षा विभाग से वर्ष 2015 से अब तक के सभी टेबुलेशन रजिस्टरों की मांगा की है। सभी टेबुलेशन रजिस्टरों की जांच की जाएगी।

रजिस्ट्रार प्रो. राम कृष्ण ठाकुर ने बताया कि ऑडिट टीम जो फाइलें मांग रही हैं, उसे उन्हें दिया जा रहा है। विवि में एक महीने तक ऑडिट की टीम कई बिंदुओं पर जांच करेगी। उधर, सात वर्ष का टीआर मंगाने के पर परीक्षा विभाग इनकी खोज में जुट गया है।

यूनिवर्सिटी के कई टीआर सड़ भी गए हैं

विभाग से जुड़े लोगों ने बताया कि कई पुराने टीआर भी हैं जिन्हें खोजना काफी मुश्किल है। यूनिवर्सिटी के कई टीआर सड़ भी गए हैं। इन्हें ठीक कर के ऑडिट टीम को दिया जाएगा।

यूनिवर्सिटी में वर्ष 2018 में टीआर में छेड़छाड़

बिहार यूनिवर्सिटी में वर्ष 2018 में टीआर में छेड़छाड़ कर पार्ट-2 की परीक्षा में फेल छात्रों को पास करा दिया गया था। तत्कालीन प्रति कुलपति प्रो. राज कुमार मंडल ने इस मामले में टेबलेटर और कर्मचारियों पर कार्रवाई की थी।

ये भी पढ़ें BRABU UG Admission 2022 : स्नातक सत्र 2022-25 में दाखिला के लिए पांच हजार छात्रों ने बदला विषय, जाने कब जारी होगी मेरिट लिस्ट

मार्क्सशीट और टीआर में छेड़छाड़ करने की भी शिकायत

मामला सामने आने के बाद परीक्षा विभाग में खलबली मच गई थी। विवि में मार्क्सशीट और टीआर में छेड़छाड़ करने की भी शिकायत इसके बाद सामने आई है। उधर, विवि प्रशासन ने ऑडिट टीम के साथ यूनिवर्सिटी के सूचना अधिकारी डॉ. अहसन रशीद को नोडल अफसर के तौर पर तैनात किया है।

ऑडिट टीम संबद्ध कॉलेजों की जांच करने जाएगी, टीम के साथ नोडल अफसर भी मौजूद रहेंगे। डॉ. रशीद के नोडल अफसर बनने की अधिसूचना विवि ने जारी कर दी है।

परीक्षा फॉर्म समेत अन्य सभी अपडेट के लिए Join करे

Telegram Group – Click here

Facebook Group – Click Here

Follow On Google News – Click on Star 🌟

Join WhatsApp – Click Here