बीएड में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा में सफल छात्र एक से 12 सितंबर तक अपना रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। रजिस्ट्रेशन के बाद 13 सितंबर से छात्रों की काउंसिलिंग शुरू होगी। बीएड की काउंसिलिंग पहली बार ऑनलाइन होगी। इसके लिए छात्रों को विवि या कॉलेज नहीं जाना पड़ेगा। छात्रों को बीएड की वेबसाइट पर जाकर काउंसिलिंग करानी होंगी। बीएड परीक्षा के राज्य नोडल अफसर डॉ. अशोक कुमार मेहता ने बताया कि रजिस्ट्रेशन के बाद काउंसिलिंग की प्रक्रिया शुरू होगी।
काउंसिलिंग इस बार नए तरीके से की जा रही
बीआरए बिहार विवि में बीएड के 6200 सीटों पर दाखिले की दौड़ होगी। विवि में 60 बीएड के कॉलेज हैं। दाखिले लेने के लिए ये कॉलेज तैयार हो गये हैं। हालांकि, कुछ कॉलेज संचालकों का कहना है कि काउंसिलिंग इस बार नए तरीके से की जा रही है। उन्हें इस बारे में अब तक पूरी जानकारी नहीं दी गई है। नोडल विवि को कॉलेजों को भी काउंसिलिंग और एडमिशन
12 कालेजों का दे सकते हैं
ऑप्शन राज्य नोडल अफसर ने बताया कि छात्र बीएड में नामांकन के लिए 12 कॉलेजों का विकल्प काउंसिलिंग में दे सकते हैं। परीक्षार्थियों को मेरिट के अनुसार उन्हें कॉलेज आवंटित किए जाएंगे। वेबसाइट पर विश्वविद्यालय वार कॉलेजों के नाम अपलोड हैं। इनमें से ही छात्रों को कॉलेज का नाम चुनना है। बिहार विवि का छात्र चाहे तो पटना विवि के बीएड कॉलेज का च्वाइस दे सकते हैं। मुजफ्फरपुर के 16500 छात्रों ने बीएड की परीक्षा दी थी।
- यह है काउंसिलिंग की प्रक्रिया
- रजिस्ट्रेशन के लिए छात्र लॉगिंग क्रेडेशियल के साथ करें लॉगिंग
- रिजल्ट और रैंक का छात्र खुद से करें सत्यापन
- प्रवेश के लिए विवि चुनें, फिर बीएड कॉलेजों को चुने
- कॉलेजों के चयन के लिए एक से 12 तक में वरीयता दें
- चयनित कॉलेजों को और उनकी वरीयता को प्रिव्यू में सत्यापित करें
- ऑनलाइन काउंसिलिंग के लिए रजिस्ट्रेशन फीस जमा करें
- अनारक्षित के लिए 1000, बीसी, ईबीसी, महिला व दिव्यांग के लिए 750 और एससी एसटी के लिए 500 रुपये फीस
- भुगतान के बाद प्रिंट निकाल लें
फॉर्म भरने के समय दिए सर्टिफिकेट लाने होंगे
काउंसिलिंग के दौरान छात्रों को बीएड परीक्षा फॉर्म भरने समय लगे दस्तावेजों के साथ ऑनलाइन उपस्थित होना होगा। राज्य नोडल अफसर ने बताया कि परीक्षार्थियों को बीएड का रिजल्ट के साथ मैट्रिक से लेकर बीए तक का सर्टिफिकेट लेकर आना होगा। सभी को ऑनलाइन चेक किया जाएगा। इसके बाद ही उनका दाखिला होगा।
पिछली बार सीट भरने में हुई थी परेशानी
पिछली बार बीएड की सीट भरने में काफी परेशानी हुई थी सीट भरने के लिए तीन बार काउंसिलिंग की गयी थी। इसके बावजूद सीटें नहीं भरी तो स्पॉट एडमिशन का रास्ता अपनाना पड़ा। पिछली बार कई छात्रों को कॉलेज उनके जिले में न देकर दूसरे जिले में दे दिया गया था। इसलिए कई छात्रों ने एडमिशन लेने से इनकार कर दिया। इसके बाद स्पॉट राउंड में सभी को मनचाहा कॉलेज दिया गया।
Telegram Group – Click here
Facebook Group – Click here
Bihar News – Click here