BRABU : स्नातक पार्ट थर्ड की कॉपियों के मूल्यांकन के लिए परीक्षक नहीं बनाए जाने का मामला राजभवन पहुंच गया है। विवि बचाओ बुद्धिजीवी मंच ने इसे लेकर राजभवन को पत्र लिखकर वरीयता की अनदेखी का आरोप लगाया है। मंच के अध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार ने परीक्षा एवं मूल्यांकन व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि सिस्टम बिचौलिया के गिरफ्त में आ चुका है।
सिंडिकेट से अनुमोदन न होने वाले शिक्षकों को भी परीक्षक बनाया गया
परिनियम के विरुद्ध वरीयता को नजरअंदाज कर प्राध्यापकों को परीक्षक बनाया गया है। सिंडिकेट से अनुमोदन न होने वाले शिक्षकों को भी परीक्षक बनाया गया है। एसएनएस कॉलेज हाजीपुर वैशाली के मनोविज्ञान विभाग के सुवोध कुमार सिंह एवं जमील अख्तर उर्दू विभाग के प्राध्यापक नियम विरुद्ध परीक्षक बनाए गए हैं।
परीक्षक बनाने में मनमानी, कुलपति से की शिकायत
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक के खिलाफ विश्वविद्यालय बचाओ बुद्धिजीवी मंच ने मोर्चा खोल दिया है. कुलपति को ज्ञापन देकर परीक्षा नियंत्रक पर परीक्षक बनाने में मनमानी का आरोप लगाया है. इसकी कॉपी राजभवन, मुख्यमंत्री और मानव संसाधन विभाग को भी प्रेषित की गयी है. मंच के अध्यक्ष डॉ अशोक कुमार ने परीक्षा व मूल्यांकन व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि पूरा परीक्षा सिस्टम बिचौलियों के गिरफ्त में आ चुका है।
महाविद्यालय के प्राध्यापकों को परीक्षक बनाया गया है
परिनियम के विरुद्ध प्रत्येक विषय में वरीयता क्रम को नजरअंदाज कर प्राध्यापकों व संबंधन रहित विषय में महाविद्यालय के प्राध्यापकों को परीक्षक बनाया गया है. अभिषद से अनुमोदित नहीं होने वाले शिक्षकों को भी परीक्षक बनाया गया। एसएनएस कॉलेज हाजीपुर वैशाली के मनोविज्ञान विभाग के सुबोध कुमार सिंह व उर्दू विभाग के जमील अख्तर नियम विरुद्ध परीक्षक बनाये गये हैं. पत्र पर विभूति भूषण सिंह, जितेंद्र कुमार, अनील कुमार सिंह, अजय कुमार सिंह, सत्येंद्र कुमार सिंह, रणविजय सिंह, पवन कुमार सिंह, दिनेश सिंह, कमलेश नारायण के हस्ताक्षर हैं.
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