पीजी नामांकन: कम गड़बड़ी वाले आवेदन में होगा सुधार आठ हजार आवेदन में मिली गड़बड़ी, मेरिट लिस्ट में देरी

बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में पीजी एडमिशन के लिए मेरिट लस्टि जारी करने के लिए छात्रों के आवेदनों की जैसे-जैसे जांच हो रही है वैसे-वैसे गड़बड़ आवेदनों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस कारण मेरिट लिस्ट जारी करने में कुछ समय लग सकता है।

फिलहाल, मेरिट लिस्ट 20 जून की निकालने का समय है, लेकिन इसके लिए जब से छात्रों के ऑनलाइन आवेदनों की जांच शुरू हुई है तब से लगातार गड़बड़ी मिल रही है।

शनिवार तक आठ हजार छात्रों के आवेदन गलत पाए गए दो दिन में इसकी संख्या साढ़े तीन हजार बढ़ गयी है। आवेदन करने की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद शुरू हुई जांच में 16 जून तक साढ़े चार हजार छात्रों के आवेदनों में गड़बड़ी पायी गयी थी अब यह संख्या आठ हजार पर पहुंच गया है। पीजी के लिए छात्रों के कुल साढ़े 17 हजार

आवेदन आये हैं। जिन आवेदनों में गलतियां मिली हैं उसमें अधिकतर गलत अंक भरने वालों के हैं। इन छात्रों ने स्नातक के जो अंकपत्र वेबसाइट पर अपलोड किया है और ऑनलाइन में खुद से फॉर्म में जो अंक भरा है उसमें अंतर है।

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इसके अलावा कई छात्रों ने अपना स्ट्रीम भी बदला है जो सभी विषयों के लिए नहीं था फिलहाल यूएमआईएस की ओर से छात्रों के स्क्रूटनी का काम किया जा रहा है। कुछ ऐसे आवेदन भी आये हैं जिसमें अलग-अलग विषयों में कुछ छात्रों ने आवेदन कर दिया है। विधि की ओर से सभी पीजी विभागों व कॉलेजों के लिए मेरिट लस्टि निकालो जाएगी।

यूएमआईएस कोऑर्डिनेटर डॉ. ललन कुमार झा ने कहा कि अबतक करीब आठ हजार छात्रों के गड़बड़ आवेदन को चिह्नित किया गया है। इसमें जिन छात्रों ने अंक बढ़ाकर फॉर्म भरा उन्हें पूरी तरह छांटा जा रहा है।

जबकि जिन आवेदनों में हल्की गड़बड़ी है उसे सुधार करने की कोशिश हो रही है। बता दें कि पीजी के विभिन्न विषयों के लिए 5350 सीटें हैं। पिछली बार भी छात्रों की ओर से अधिक अंक भरने का मामला था। इस कारण अंतिम समय में मेरिट लिस्ट रोकी गई थी।

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