ऑफर लेटर, ज्वाइनिंग, ट्रेनिंग सब फर्जी। जालसाजों ने पटना, आगरा और हाथरस के छात्रों को झांसा देकर 2.44 करोड़ ठग लिए। गरीब छात्रों को जालसाजों ने रेलवे में नौकरी करने का फर्जी जॉब लेटर थमाया। यही नहीं इन शहरों के 40 छात्रों का डॉक्टरों के मिलीभगत से मेडिकल भी कराया। तीन माह तक देहरादून के संस्थान में इन्होंने रेलवे में जॉब की ट्रेनिंग भी कराई तीन माह तक उन्हें वेतन भी दिया पर आखिरकार पकड़े गए।
दिल्ली की आर्थिक अपराध ईकाई ने नौकरी देने के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड गरीब फिरोज को ग्रेटर नोएडा से गिरफ्तार कर लिया। गरीब सूरजपुर, ग्रेटर नोएडा का ही रहने वाला है। गरीब ने साइकोलॉजी में पीजी के साथ ही मासकॉम में डिप्लोमा कोर्स किया है। इससे पहले दिल्ली पुलिस ने इस गिरोह के ब्रजकिशोर और सचिन कुमार को गिरफ्तार किया था। इन्हीं दोनों से मिली सुराग के बाद पुलिस ने जाल बिछाकर रागिब को गिरफ्तार किया।
![रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़ा,ऑफर लेटर, ज्वाइनिंग, ट्रेनिंग... सब फर्जी छात्रों से ठगे 2.4 करोड़ 1 4 1](https://zeebihar.com/wp-content/uploads/2021/08/4-1-1024x768.jpg)
![रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़ा,ऑफर लेटर, ज्वाइनिंग, ट्रेनिंग... सब फर्जी छात्रों से ठगे 2.4 करोड़ 1 4 1](https://zeebihar.com/wp-content/uploads/2021/08/4-1-1024x768.jpg)
ये ठग संगठित तरीके से गैंग चला रहे थे और झांसे में आए युवाओं को देहरादून में फर्जी ट्रेनिंग भी करवाते थे। दिल्ली पुलिस का दावा है कि ये ठग 40 छात्रों से अब तक 2 करोड़ 44 लाख रुपये ठग चुका है।
खुद को आईएएस दिखा रेलवे बोर्ड के बड़े अधिकारी से संपर्क बताकर फांसता था
दिल्ली पुलिस आर्थिक अपराध ईकाई देकर जाल में फांसता था। ठगी के एसीपी आरके सिंह ने बताया कि शिकार युवकों को गरीब और उसके गरीब नौकरी देने के नाम पर रकम गिरोह के ठिकाने के बारे में पता नहीं की वसूली, नौकरी के लिए बेरोजगारों था। केवल उनके पास इन शातिरों से फार्म भराने समेत कई तरह के के मोबाइल नंबर थे। इन लोगों को जालसाजी में पूरे गिरोह के बीच ठगों ने दिल्ली के पहाड़गंज में रेलवे अहम कड़ी था।
40 डॉक्टरों की मिलीभगत से मेडिकल टेस्ट भी कराया।
छात्रों का 03 माह तक देहरादून के संस्थान में इन्होंने रेलवे में जॉब की ट्रेनिंग भी कराई।
03 माह तक उन्हें वेतन भी दिया पर आखिरकार दिल्ली पुलिस ने पकड़ लिया।
इनमें एक आरोपी भवन के पास मिलने को बुलाया था, अपने को युवकों के सामने आईएएस उसमें बृजकिशोर और सचिन को कहता था। यही नहीं वह अपने को पकड़ा गया फिर मोबाइल सर्विलांस के रेलवे बोर्ड में बड़े अधिकारियों के आधार पर रागिब को ग्रेटर नोएडा से साथ बेहतर संबंध होने का झांसा गिरफ्तार किया गया।
ट्रेनिंग के बाद ड्यूटी के लिए पहुंचे तो खुला राज
आर्थिक अपराध शाखा के अतिरिक्त आयुक्त पुलिस आरके सिंह ने बताया कि 3 महीने की ट्रेनिंग करने के बाद जब ये लोग जमशेदपुर के टाटा नगर स्थित डीआरएम ऑफिस पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि इनकी रेलवे में कोई नौकरी नहीं लगी है। इन्हें जो नियुक्ति पत्र आदि दिए गए वे सब फर्जी है। उन्हें बताया गया कि रेलवे बोर्ड ने कोई वैकेंसी नहीं निकाली थी। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में शिकायत पर 21 जनवरी को धोखाधड़ी सम्बंधी धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
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