बीआरएवीयू के यूजी कोर्स के लिए सेकेंड लिस्ट निकलने के बाद भी 67 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं वंचित रह गए हैं। वह भी तब जबकि विवि में इस साल अंगीभूत समेत 99 कॉलेज हैं। सीटों की संख्या भी पिछले साल से तकरीबन 25 हजार बढ़ गई हैं। बावजूद इसके आवेदन करने वाले 50 प्रतिशत छात्र-छात्राओं के स्नातक की पढाई से वंचित रहना पड़ सकता है।
70 प्रतिशत से अधिक छात्र छात्राएं आधा दर्जन विषयों को ही चुना
विवि की मानें तो आवेदन करने वाले में 70 प्रतिशत से अधिक छात्र छात्राएं आधा दर्जन विषयों को ही चुना है। इनमें हिस्ट्री, भूगोल, हिन्दी, मनोविज्ञान, गृह विज्ञान, कॉमर्स शामिल हैं। इन विषयों में छात्रों के आवेदन अधिक है तो सीटें कम जहां जिसमें सीटें खाली हैं, उनमें सीट के अनुसार भी आवेदन नहीं है। नतीजा, एक तरफ जहां हजारों की संख्या में छात्र नामांकन के लिए भटक रहे हैं।
छात्रों ने मेरिट लिस्ट में नाम आने के बाद भी नामांकन नहीं लिया
दूसरी तरफ कॉलेज प्रशासन भी कुछ विषयों को छोड़ अन्य में एडमिशन नहीं होने से चिंतित हैं। यही नहीं पसंद का कॉलेज नहीं मिलने पर भी कई छात्रों ने मेरिट लिस्ट में नाम आने के बाद भी नामांकन नहीं लिया।
ऑन स्पॉट एडमिशन
ये ऑन स्पॉट एडमिशन की छूट मिलने का इंतजार कर रहे हैं। ऑन स्पॉट एडमिशन में सीट खाली रहने पर कॉलेज प्रशासन अपने अनुसार नामांकन ले सकता है।
दाखिले की स्थिति
आवेदन – 1.43 लाख (सीट 1.50 लाख )
अब तक दाखिला 62 हजार,
सेकेंड लिस्ट में चयन 13500 (इंतजार में छात्र 67 हजार)
बीआरएबीयू के आधे दर्जन विषयों में ही 70% से अधिक आवेदन होने के कारण चयन नहीं,पसंद के कॉलेज नहीं मिलने पर कई ऑन-स्पॉट की छूट मिलने के इंतजार में.
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