प्रदेश भर में कुकुरमुत्ते की तरह संचालित हो रहे पहली से आठवीं कक्षा तक के निजी प्रारंभिक विद्यालयों पर सरकार ने नकेल कसते हुए 31 दिसंबर तक अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया है। बिना अनुमति के अब ऐसे निजी विद्यालय संचालित नहीं होंगे। यदि अनुमति प्राप्त किए बिना विद्यालय संचालित किए गए तो सख्त कार्रवाई होगी।
Bihar school Open News पहली से आठवीं कक्षा तक के निजी प्रारंभिक विद्यालयों पर सरकार ने नकेल कसते हुए 31 दिसंबर तक अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया है। बिना अनुमति के अब ऐसे निजी विद्यालय संचालित नहीं होंगे।
पहले से अनुमति प्राप्त निजी विद्यालयों को भी अपने अभिलेख शिक्षा विभाग के ई-संबंधन पोर्टल (ईडीयू-आनलाइन डाट बिहार डाट जीओवी डाट इन) पर डीईओ के माध्यम से अपलोड कराना जरूरी है। इस संबंध में शिक्षा विभाग की ओर से सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किया गया है।

विभागीय आदेश के मुताबिक निजी प्रारंभिक विद्यालयों को अनुमति के लिए शिक्षा विभाग की वेबसाइट ‘ई-संबंधनठ पोर्टल पर आवेदन करना होगा। नई व्यवस्था के तहत पहले से अनुमति पाए विद्यालयों का आनलाइन डाक्युमेंट अपलोड करना होगा। यह काम 30 सितंबर तक पूरा करना होगा।
इसके बाद जिला स्तर पर तीन सदस्यीय समिति द्वारा निर्धारित मापदंड के तहत जांच की जाएगी और फिर अनुमति का प्रमाण पत्र निर्गत होगा। विभाग ने सभी जिलों से साफ कहा है कि 31 दिसंबर से पूर्व सभी निजी प्रारंभिक विद्यालयों को अनुमति संबंधी क्यूआर कोड का प्रमाण पत्र निर्गत करने की कार्रवाई सुनिश्चित कराएं। पूर्व से प्राप्त लंबित आवेदनों के संदर्भ में अनुमति संबंधी कोई आफलाइन कार्रवाई नहीं की जाएगी।
निजी प्रारंभिक विद्यालयों को अनुमति प्राप्त करनी है
बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि बच्चों की मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार कानून के तहत सभी निजी प्रारंभिक विद्यालयों को अनुमति प्राप्त करनी है। जिला स्तर पर गठित तीन स्तरीय समिति द्वारा निर्धारित मापदंड के तहत अनुमति दी जाती है। इसे प्रदान करने की प्रक्रिया को सुविधाजनक परामर्श एवं सुगम बनाने के उद्देश्य से कुछ दिनों पहले ई-संबंधन पोर्टल लांच किया गया है।
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