लंबे समय से लंबित चल रहे शैक्षणिक सत्र को पटरी पर लाने की बीआरए बिहार विश्वविद्यालय की योजना फेल हो गई है। 4 साल बाद विवि पर एक बार फिर जीरो सेशन का खतरा मंडराने लगा है।
स्नातक पार्ट वन-2021 एवं स्नातक पार्ट थ्री- 2021 सत्र की दोनों ही परीक्षाएं लंबित हैं, जबकि यूनिवर्सिटी के पास अब सिर्फ डेढ़ माह बचे हैं।
2 लाख से अधिक छात्र खामियाजा भुगतेंगे, बर्बाद हो जाएगा साल
ये परीक्षाएं तभी हो सकती हैं, जब 2020 सत्र के पार्ट वन का रिजल्ट जल्द आए। इसकी उम्मीद काफी कम है। परीक्षा नहीं होने पर यूजी कोर्स के 2 लाख से अधिक छात्र- छात्राओं को यूनिवर्सिटी की लापरवाही का खामियाजा भुगतना होगा। उनका साल बर्बाद होगा जाएगा। परीक्षा विभाग जीरो सेशन से बचाने की कोशिश में जुटा है। दरअसल, कोरोना के कारण परीक्षा लेने पर लगी पाबंदी हटने के बाद विवि समय से लंबित परीक्षाएं ले लेता तो ऐसी नौबत नहीं आती।
प्रॉक्टर ने कहा ज़ीरो सेशन नैतिक जवाबदेही लेना है, यह एक धब्बा है
प्रॉक्टर डॉ. अजीत कुमार ने कहा, जीरो सेशन होने पर एक साल में दो-दो सत्रों की परीक्षा एक साथ लेनी होगी। ऐसा होना उचित नहीं है। 2021 की परीक्षा अगले साल होने पर 2022 की परीक्षा का समय हो जाएगा। यह एक प्रकार से विवि के लिए दाग है और नैतिक जवाबदेही लेना माना जाता है। उन्होंने कहा कि कोशिश है कि ऐसा नहीं हो।
कॉलेजों की मनमानी, पार्ट 1 के 2020 का रिजल्ट जल्द आने पर संशय
पार्ट वन-2020 का रिजल्ट जल्द आने की उम्मीद कम है। परीक्षा अभी चल रही है। 5 व 6 नवंबर की स्थगित परीक्षा दिसंबर में होगी। प्रैक्टिकल का नंबर अधिकतर कॉलेजों ने नहीं भेजा है। परीक्षा नियंत्रक डॉ. संजय कुमार ने कहा, 5 नवंबर तक प्रैक्टिकल का नंबर मांगा गया था। निर्देश का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ रिपोर्ट वीसी से करेंगे।
2015 और 2017 में भी जीरो सेशन हो चुका है
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय का शैक्षणिक कैलेंडर पिछले कई साल से लगातार पीछे है। कोरोना काल से पहले भी समय पर परीक्षाएं नहीं होने के कारण 2015 और 2017 में जीरो सेशन हो चुका है। फिर भी विश्वविद्यालय ने कोई सबक नहीं लिया।
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