BRABU : सेंट्रल लाइब्रेरी में हो रहा किताबों का डिजिटलाइजेशन ,पीजी नये सत्र के चार छात्रों ने ही ली लाइब्रेरी की सदस्यता

बिहार यूनिवर्सिटी के सेंट्रल लाइब्रेरी में पीजी नए सत्र के सिर्फ चार छात्रों ने ही सदस्यता ली है। पीजी के सत्र 2020-22 में इस बार सात हजार छात्रों का दाखिला हुआ है। वहीं, पीएचडी के एक भी छात्रों ने सदस्यता नहीं ली है। पीएचडी के छात्रों को सदस्यता के लिए 1200 रुपये देने पड़ते हैं।

मेंबर बनने के लिए 1500 रुपये देने पड़ते

छात्रों के साथ शिक्षक भी किताबों से दूर हो गए हैं। पिछले तीन वर्षों से एक भी शिक्षक लाइब्रेरी के सदस्य नहीं बने हैं। शिक्षकों को मेंबर बनने के लिए 1500 रुपये देने पड़ते हैं। बिहर विवि की सेंट्रल लाइब्रेरी में 13 अप्रैल 2018 से 22 अक्टूबर 2021 तक 372 सदस्य बने। इनमें ऐसे छात्र हैं जिनका सत्र खत्म हो गया है। सेंट्रल लाइब्रेरी की मेंबरशिप रजिस्टर में पुराने शिक्षकों के नाम हैं, लेकिन अब ये शिक्षक रिटायर हो चुके हैं। अब ये शिक्षक लाइब्रेरी में नहीं आते हैं।

पीजी की लाइब्रेरी से भी किताब नहीं हो रहीं इश्यू : 

सेंट्रल लाइब्रेरी के अलावा पीजी विभागों की लाइब्रेरी से भी किताबें इश्यू नहीं हो रही हैं। शिक्षकों ने बताया कि लाइब्रेरी में छात्र नहीं आ रहे हैं। लाइब्रेरियन के नहीं रहने से किताबों को इश्यू करने वाला भी कोई नहीं है। कई वर्षों से लाइब्रेरी में नयी किताबें भी नहीं आयी है। इसलिए भी छात्र किताब इश्यू कराने नहीं आ रहे हैं। संस्कृत विभाग के अध्यक्ष प्रो. मनोज कुमार ने बताया कि लाइब्रेरी विवि की आत्मा होती है, इसे ठीक करने की जरूरत है। हिन्दी विभाग के अध्यक्ष प्रो. सतीश राय ने बताया कि शोधार्थी और पीजी के छात्र विभाग की लाइब्रेरी से किताब ले जाते हैं। राजनीति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. अनिल ओझा ने बताया कि किताब इश्यू कराने का प्रतिशत बहुत कम है।

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सेंट्रल लाइब्रेरी में हो रहा किताबों का डिजिटलाइजेशन: 

सेंटल लाइब्रेरी में किताबों और रिसर्च थीसिसि का डिजिटलाइजेशन किया जा रहा है। लाइब्रेरी में रखे दस हजार थीसिस का डिजिटलाइजेशन किया जा चुका है। विवि में काम करने वाली निजी एजेंसी ही इस काम को कर रही है। किताबों के पन्नों को अलग-अलग करके उसकी स्कैनिंग की जा रही है। इसके बाद उसे साफ्टवेयर से जोड़ा जोयगा। किताबों के डिजिटलाइजेशन में करीब तीन महीने का वक्त लगेगा।

उधर, सेंट्रल लाइब्रेरी में रखी कई किताबें खराब हो गयी हैं। नीचले तल के स्टॉक रूम में बाहर की तरफ खुलने वाली खिड़की टूटी होने से किताबों पर धूल और बरसात का पानी दोनों पड़ रहे हैं।

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