BRABU: बिहार यूनिवर्सिटी में अब पीजी के बाद यूजी (स्नातक) कोर्स में भी सीबीसीएस लागू होगा। इस नई व्यवस्था में स्टूडेंट्स को अंक के बदले इसी आधार पर जारी होगा। इसका दूसरा नाम विकल्प आधारित क्रेडिट प्रणाली भी है।
6 सेमेस्टर में कुल मिलाकर 140 क्रेडिट होंगे
एक वर्ष में दो परीक्षाएं होंगी। एक सेमेस्टर 6 महीने का होगा। पढ़ाई से लेकर इंटरनल असेसमेंट और फिर परीक्षाएं होंगी। इसमें फील्ड वर्क, सेमिनार, प्रैक्टिकल ट्रेनिंग, असाइनमेंट, रिपोर्ट लेखन समेत अन्य चीजें शामिल होंगी। 6 सेमेस्टर में कुल मिलाकर 140 क्रेडिट होंगे।
स्नातक के लगभग 1.5 लाख से अधिक बच्चों को मिलेगा।
इसमें यूजी की पढ़ाई पूरी करने के लिए कम से कम 120 क्रेडिट लाने होंगे। स्टूडेंट्स को कोर्स कोर्स, इलेक्टिव कोर्स, डिसिप्लिन स्पेशिफिक इलेक्टिव कोर्स, प्रोजेक्ट, जेनरिक इलेक्टिव कोर्स और एबिलिटी इनहांसमेंट कोर्स की पढ़ाई करनी होगी। अब तक स्नातक कोर्स का संचालन वार्षिक मौड़ में होता रहा है च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू होने के बाद यूजी कोर्स में भी सेमेस्टर सिस्टम लागू हो जाएगा। नई व्यवस्था का लाभ स्नातक के लगभग 1.5 लाख से अधिक बच्चों को मिलेगा।
इससे स्नातक के 1.5 लाख से अधिक स्टूडेंट्स को होगा फायदा
CBCS लागू करने के लिए विवि मानसिक रूप से तैयार है। प्रॉक्टर डॉ. अजीत कुमार ने बताया, राजभवन की ओर से निर्देश का इंतजार किया जा रहा है। वीआरएबीयू में उसी आधार पर स्नातक में सीबीसीएस लागू होगा। उन्होंने बताया, अगर राजभवन इसी सत्र से लागू करने का निर्देश देती है तो सत्र 2022-25 में होने वाले नामांकन से ही इसे लागू होगा।
इसे लेकर राजभवन के निर्देश का अक्षरशः पालन होगा। उन्होंने बताया कि कोरोना काल से पहले राजभवन ने सीबीसीएस लागू करने के लिए विभिन्न विवि को अलग-अलग विषयों में पाठ्यक्रम निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी थी, लेकिन कोरोना संकट के कारण प्रक्रिया शिथिल पड़ गई। ऐसे में हर विवि में एक ही पाठ्यक्रम होगा या इसमें बदलाव होगा यह सबकुछ राजभवन के निर्देश पर ही निर्भर है।
बड़ा सवाल अभी वर्ष में एक परीक्षा नहीं हो रही तो सेमेस्टर सिस्टम में दो कैसे हो सकेंगी
यूनिवर्सिटी में CBCS लागू करने में बड़ी बाधाएं हैं। पहले से यहां पीजी में यह व्यवस्था लागू है। बावजूद इसके सत्र नियमित नहीं है। यानी वर्ष में केवल एक बार परीक्षा होनी है तो तीन सत्रों की परीक्षाएं लंबित हैं। जब सेमेस्टर लागू हो जाएगा तो इतनी परीक्षाएं विवि कैसे ले पाएगा। डॉ. सतीश कुमार ने बताया, पीजी में लागू व्यवस्था को ही विवि सही नहीं कर पाया है, ऐसे में जब यूजी में इसे शुरू करना चुनौतीपूर्ण होगा।
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