बिहार यूनिवर्सिटी के बीएड कॉलेजों में पढ़ाई लिखाई और शैक्षिक माहौल की जांच होगी। पूर्वी चंपारण के तेल्हारा में बीएड कॉलेज में गड़बड़ी का मामला सामने आने और हाईकोर्ट का इस पर संज्ञान लेने के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन हरकत में आ गया है। यूनिवर्सिटी प्रशासन अब सभी बीएड कॉलेज और संबद्ध कॉलेजों में टीम भेजकर वहां के हालात का जायजा लेने जा रही है ।
बिहार यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार प्रो. राम कृष्ण ठाकुर ने बताया कि सभी बीएड ने कॉलेजों में पढ़ाई लिखाई और आधारभूत संरचना की जांच कराई जाएगी। इसके लिए दो टीम बनाई जाएगी। उधर, पूर्वी चंपारण के तेल्हारा के बीएड कॉलेज मामले में यूनिवर्सिटी की तरफ से कॉलेज संचालक को नोटिस दिया गया है, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं आया है। वहां से जवाब आने के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखेगी।
दाखिला लेने के लिए भेजा गया वहां वह कालेज था ही नहीं
तेल्हारा के बीएड कॉलेज में एडमिशन लेने गए एक छात्र की याचिका पर हाई कोर्ट ने विवि से जवाब मांगा है। छात्र का आरोप है कि जिस कॉलेज में उसे यूनिवर्सिटी की तरफ से दाखिला लेने के लिए भेजा गया वहां वह कालेज था ही नहीं।
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यूनिवर्सिटी जांच करती तो नहीं होता छात्र से फर्जीवाड़ा
बिहार विवि से जुड़े लोगों ने बताया कि अगर पूर्वी चंपारण जिले के तेल्हारा बीएड कॉलेज की भी विवि ने जांच की होती तो छात्र के साथ फर्जीवाड़ा नहीं होता और मामला हाईकोर्ट में नहीं जाता। उस बीएड कॉलेज ने अब तक तीन बैच के छात्रों का दाखिला ले लिया है। कॉलेज को 50 सीट पर दाखिला लेने की अनुमति है।
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हर महीने दो कॉलेजों की जांच करने का है आदेश
राजभवन ने वर्ष 2019 में सभी विवि को निर्देश दिया था कि वह हर महीने दो कॉलेजों की जांच करें और उसकी रिपोर्ट राजभवन को भी भेंजे। कॉलेजों की जांच का जिम्मा विवि के इंस्पेक्शन सेक्शन को है। सेक्शन को जांच करनी है कि कालेजों में पढ़ाई हो रही है या नहीं, छात्र आते हैं या नहीं, संसाधन कॉलेज में है या नहीं। लेकिन, बिहार विवि के किसी भी कॉलेजों की जांच नहीं हुई है। जांच में संबद्ध कॉलेजों के साथ अंगीभूत कॉलेज भी शामिल हैं। विवि से जुड़े लोगों ने बताया कि सिर्फ संबद्धता देते वक्त ही जो निरीक्षण किया जाता है उसके बाद कोई जांच नहीं होती है।
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