Bihar University 17 Lakh Answer Sheets Missing : बिहार विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय में मूल्यांकन के बाद रखीं 17 लाख उत्तर पुस्तिकाएं गायब हो गयी हैं।
इसको लेकर विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग के भंडारपाल सह प्रशाखा पदाधिकारी कुंदन कुमार ने परीक्षा नियंत्रक डॉ तरूण कुमार डे और दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के प्रशासनिक पदाधिकारी ललन कुमार के खिलाफ यूनिवर्सिटी थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है।
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प्राथमिकी में कहा गया है कि दूरस्थ शिक्षा निदेशालय परिसर में सत्र 2020 से 2024 सत्र की 17 लाख मूल्यांकित उत्तरपुस्तिकाएं रखी हुई थीं। इसका कस्टोडियन डीडीइ के प्रशासनिक पदाधिकारी ललन कुमार को बनाया गया था।
भंडारपाल ने कहा कि जब वे दैनिक कार्य संपादन के दौरान वहां पहुंचे तो देखा कि उत्तरपुस्तिकाएं वहां नहीं थीं. उन्होंने संचिका के माध्यम से इसकी सूचना परीक्षा नियंत्रक को दी। 26 जनवरी तक संज्ञान नहीं लिया गया। इसके बाद कुलसचिव को अवगत कराया।
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कुलसचिव ने कुलपति को मामले की जानकारी दी. कुलपति ने अविलंब दोषियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया. आवेदन प्राप्त होने के बाद विश्वविद्यालय थानाध्यक्ष प्रवीण कुमार ने धारा 409 लोकसेवक द्वारा संपत्ति का आपराधिक हनन, धारा 420 धोखाधड़ी, 120-बी और धारा 34 एक से अधिक लोग मिलकर इस घटना को अंजाम देने जैसी धाराओं में मामला दर्ज किया है। थानाध्यक्ष ही इस केस के आइओ हैं।
प्रो. राजीव कुमार झा ने बताया:
कुलपति के आदेश पर डीडीइ परिसर में रखी गयी मूल्यांकित उत्तर पुस्तिकाओं के गायब होने के मामले में भंडारपाल के लिखित आवेदन पर विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक और प्रशासनिक पदाधिकारी ललन कुमार के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है। कुलसचिव की ओर से भी थाने में मामले में प्राथमिकी दर्ज करने को लेकर पत्र भेजा गया है। पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी।
तीन से पांच वर्षों तक रखनी हैं कॉपियां :
विश्वविद्यालय नियमावली के तहत उत्तरपुस्तिकाओं को परिणाम जारी करने के बाद तीन से पांच वर्ष तक स्टोर में सुरक्षित रखना है।
आवेदन में गलत तिथि का जिक्र
विश्वविद्यालय की ओर से थाने में प्राथमिकी के लिए जो आवेदन दिया है, उसमें गलत तिथि का उल्लेख है। शिकायतकर्ता ने लिखा है कि उन्होंने 11 अप्रैल, 2024 को संचिका के माध्यम से परीक्षा नियंत्रक को अवगत कराया था।
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