बिहार यूनिवर्सिटी में लैबोरेट्री के लिए आये एक करोड़ रुपये हो गये डंप, जाने क्या है मामला

BRABU

पांच लैबोरेट्री को सामान खरीद के लिए दिये जाने थे पैसे वर्ष 2018 में रूसा से मिले थे विवि को पैसे तीन वर्ष बाद भी विवि पैसे को नहीं किया ट्रांसफर कॉलेजों के लैबोरेट्री में प्रैक्टिकल के समान हुए खराब बीआरए बिहार विवि में लैबोरेट्री के सामान के लिए आये एक करोड़ रुपये डंप हो गये। वर्ष 2018 में रूसा मद आये रुपये से लैबोरेट्री के सामान खरीदे जाने थे।

इसके लिए विवि ने सभी विभागों से इस्टीमेट भी मांगा था लेकिन तीन वर्ष बीत गये लेकिन एक पैसा विभागों को नहीं गया। साइंस के विभागों में प्रैक्टिकल के सामान नहीं हैं जिससे वहां प्रैक्टिकल बंद हो गये हैं। विभागाध्यक्षों का कहना है कि प्रैक्टिकल के सामान नहीं होने से कई पेपर में प्रैक्टिकल बंद है। कुछ केमिकल तो पांच वर्षों से नहीं हैं, और उसका प्रैक्टिकल नहीं हो पा रहा है।

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बीआरए बिहार विवि के जूलॉजी विभाग में केमेकिल के नहीं रहने से हिस्टो केमेस्ट्री का प्रैक्टिकल बंद

पिछले वर्ष बनी योजना कागजों में रह गयी

रूसा से मिले एक करोड़ रुपये को लैबोरेट्री में खर्च करने के लिए वर्ष 2020 में योजना तैयार की लेकिन वह अमल में नहीं आयी। इससे पहले दो बार पीजी विभागों से उनके यहां खराब हुए और जरूरत के सामानों की सूची मंगायी जा चुकी है। लेकिन पैसे विवि के खाते में ही डंप पड़े हुए हैं।

जूलॉजी में हिस्टो कमेस्ट्री तो बॉटनी में बायोकेमेस्ट्री की प्रैक्टिकल नहीं

बीआरए बिहार विवि के जूलॉजी विभाग में केमेकिल के नहीं रहने से हिस्टो केमेस्ट्री का प्रैक्टिकल बंद है। बॉटनी विभाग में भी रीएजेंट नहीं होने से बायोकेमेस्ट्री औरप एनाटॉमी का प्रैक्टिकल नहीं हो पा रहा है। फिजिक्स विभाग में कंप्यूटर का प्रैक्टिकल इनवर्टर खराब होने से बंद है। केमेस्ट्री विभाग में बीकर, टेस्टट्यूब खराब होने से प्रैक्टिकल नहीं हो पा रहा।

कॉलेजों में प्रैक्टिकल के सामान

कॉलेजों में भी प्रैक्टिकल के सामान खराब पड़े हुए हैं। एमपी सिन्हा साइंस कालेज में केमेस्ट्री विभाग में केमेकिल नहीं है। एनओएच नहीं है। केमेकिल नहीं होने से ट्राइटेशन (एसिड बेस्ड रीयेक्शन) नहीं सिखाया जा रहा। फिजिक्स विभाग में पुराने और खराब सामान से प्रैक्टिकल किये जा रहे हैं। एमडीडीएम में फिजिक्स के सामान खराब हो चुके हैं, अब उसे ठीक किया जा रहा है। आरबीबीएम कालेज की प्राचार्य प्रो ममता रानी ने बताया कि केमेस्ट्री प्रैक्टिकल के लिए सॉल्यूशन की जरूरत है।

विभाग से लेकर कॉलेज तक नहीं है लैब टेक्निशियन

पीजी विभाग से लेकर कॉलेजों तक में लैब टेक्निशियन नहीं हैं। लैब टेक्निशियन के नहीं रहने से जो सामान हैं उनसे भी प्रैक्टिकल नहीं हो पाता है। इसके अलावा प्रैक्टिकल के सामानों की देखरेख भी नहीं हो पाती है। आरबीबीएम कालेज की प्राचार्य प्रो ममता रानी ने बताया कि लैब टेक्निशियन के नहीं होने से हम कॉलेज में बड़े प्रैक्टिकल नहीं करा पाते हैं। पीजी केमेस्ट्री विभाग के अध्यक्ष प्रो मुमताजुद्दीन ने बताया कि लैब टेक्निशियन नहीं होने से प्रैक्टिकल पर असर पड़ रहा है।

पीजी विभागों और कॉलेजों को राशि भेजने की प्रक्रिया चल रही है। इसके लिए फाइल बढ़ गयी है। जल्दी ही सभी जगह राशि भेज दी जायेगी ताकि लैबोरेट्री में सामान खरीद हो सके।

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