सीट बढ़ने के बाद भी स्नातकोत्तर एडमिशन से वंचित रह जायेंगे 10 हजार विद्यार्थी

मुजफ्फरपुर सहित उत्तर बिहार के अन्य जिलों के 10 हजार से अधिक विद्यार्थियों का स्नातकोत्तर करने का सपना अधूरा रह जायेगा. बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के पीजी विभाग व कॉलेजों में निर्धारित सीटों से करीब तीन गुना आवेदन होने के कारण नामांकन के लिए मारामारी है. स्थिति यह है कि 20 फीसदी सीट बढ़ने के बाद भी हजारों छात्रों का एडमिशन नहीं हो सकेगा. सोमवार या मंगलवार को सेकेंड मेरिट लिस्ट जारी होनी है.

विभाग व कॉलेजों में 5350 सीट हैं.

सत्र 2020-22 में एडमिशन के लिए 20 फीसदी सीट बढ़ायी गयी है. यानी 1070 सीट जोड़कर 6420 सीटों पर एडमिशन होना है. इसके लिए करीब 17 हजार छात्रों ने आवेदन दिया है. जून के अंतिम हफ्ते में विवि ने फर्स्ट मेरिट लिस्ट जारी की थी, जिस पर 12 जुलाई तक एडमिशन लिया गया था. हालांकि चार हजार से अधिक छात्रों ने पहली मेरिट लिस्ट के आधार पर नामांकन लिया. इतिहास व कॉमर्स जैसे विभागों में बहुत ही कम सीट बची है. संस्कृत, फिलॉसफी व मैथिली सहित कई विभागों में छात्र रुचि नहीं ले रहे हैं.

विषय बदलकर नामांकन का मिलेगा मौका बिना प्रैक्टिकल वाले जिन विषयों में सीट खाली रह जायेगी, उसमें नामांकन के लिए अन्य विषय में आवेदन करने वाले छात्रों को भी मौका दिया जायेगा.

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विषय बदलकर नामांकन का मिलेगा मौका बिना

पीजी विभाग व कॉलेजों में 5350 मूल सीट, 20% सीट बढ़ायी गयी

तीन लिस्ट जारी होने के बाद विवि के अधिकारी इसकी समीक्षा करेंगे. संस्कृत, फिलॉसफी, मैथिली सहित कुछ विषयों में कम नामांकन हुआ है. इन विषयों में वे छात्र नामांकन ले सकेंगे, जो दूसरे विषयों के लिए आवेदन दिये. लेकिन, मलिस्ट में नाम नहीं आ सका. जो छात्र यूएमआइएस पोर्टल पर आवेदन दिये थे, उन्हें ही यह सुविधा मिलेगी.

पीजी में नामांकन के लिए जनप्रतिनिधि लगा रहे जुगाड़ पीजी में नामांकन के लिए कितनी मारामारी है, इसका अंदाजा इसी से लग जाता है कि जिले के जनप्रतिनिधि भी जुगाड़ लगा रहे हैं. विवि के अधिकारियों के साथ ही पीजी विभागाध्यक्षों के यहां सत्ता या विपक्ष के कई जनप्रतिनिधि फोन कर चुके हैं. वे अपने करीबी छात्रों का एडमिशन लेने के लिए दबाव बना रहे हैं.

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