बिहार यूनिवर्सिटी में स्नातक का सिलेबस अपडेट किया जाएगा। इसका फैसला गुरुवार को हुई एकेडमिक काउंसिल की बैठक में लिया गया। अध्यक्षता कुलपति प्रो. हनुमान प्रसाद पांडेय ने की। बैठक में मानविकी के डीन प्रो. एसके पॉल ने आर्कियोलॉजी की पढ़ाई स्नातक स्तर पर शुरू करने की बात कही। कहा कि उत्तर बिहार बौद्ध सर्किट है, इसलिए बिहार यूनिवर्सिटी में इसकी पढ़ाई होनी चाहिए। कुलपति ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। कुलपति ने कहा कि सिलेबस अपडेट करने के लिए डीन की एक कमेटी बनाई जाएगी।
बिहार यूनिवर्सिटी के नए कॉलेजों का प्रस्ताव पास :
एकेडमिक काउंसिल में बिहार यूनिवर्सिटी ने नए कॉलेजों के संबद्धन और कॉलेजों में पीजी की पढ़ाई के प्रस्ताव को पास किया। इससे पहले कॉलेजों के संबद्धन प्रस्ताव को एफिलिएशन कमेटी से पास कर दिया गया था। एकेडमिक काउंसिल में तय किया गया कि जिन कॉलेजों ने स्थायी संबद्धता के लिए आवेदन किया है, उनकी एक कमेटी जांच करेगी, उसके बाद कॉलेजों को स्थायी संबद्धता का प्रस्ताव सिंडिकेट में जायेगा।
बिहार यूनिवर्सिटी के संबद्ध कॉलेज के शिक्षक के पीएचडी कराने का उठा मामला :
एकेडमिक काउंसिल में संबद्ध कॉलेज के शिक्षक के पीएचडी कराने का भी मामला उठा। इस पर तय किया गया कि जो शिक्षक स्वीकृत पद पर हैं और उनके पांच रिसर्च पेपर प्रकाशित हुए हैं, उनके पीएचडी कराने पर विचार किया जा सकता है। ऐसे शिक्षकों की जांच संकाय के डीन करेंगे। सब ठीक रहने पर उनके सुपरवाइजर बनने पर स्वीकृति दी जा सकती है।
एलएस कॉलेज में भोजपुरी से एमए कराने की आयी बात :
एलएस कॉलेज के प्राचार्य प्रो. ओपी राय ने भोजपुरी में एमए करने की बात एकेडमिक काउंसिल में उठाई। हालांकि सदस्यों ने कहा कि भोजपुरी में छात्र काफी कम दाखिला लेते हैं, इसलिए एमए शरू करना ठीक नहीं होगा। ओपी राय ने बताया कि एलएस कॉलेज में बायोटेक्नोलॉजी और स्टेम टेक्नोलोजी की पढ़ाई शुरू की जाएगी। एकेडमिक काउंसिल की बैठक में साइंस के डीन प्रो. मनेंद्र कुमार ने बताया कि विवि में संकाय डीन का कद छोटा कर गया है। कॉलेजों के निरीक्षण के लिए जो कमेटी बनती है, उसमें डीन को जगह नहीं दी जाती है।
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